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अब इंजीनियरिंग कॉलेजों के सर्कुलर ने बढ़ाई समस्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर । पिछले कुछ वर्षों से बुरा दौर देख रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों की समस्या हाल ही में जारी हुए अखिल भारतीय तंत्र शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के एक सर्कुलर ने बढ़ा दी है। एआईसीटीई ने साफ किया है कि, अगर कोई इंजीनियरिंग कॉलेज अपने यहां कोई नया पाठ्यक्रम शुरू करना या फिर मौजूदा सीट संख्या बढ़ाना चाहता है, तो उसे सिर्फ "इमर्जिंग एरिया" में ही कोर्स शुरू करना होगा। नई शिक्षा नीति में केंद्र सरकार ने नवाचार और उद्योजकता को ध्यान मंे रख कर कॉलेजों को नए कोर्स शुरू करने का विकल्प दिया है। यह पाठ्यक्रम इंटरडिसप्लिनरी शाखा के हैं। एआईसीटीई को उम्मीद है कि, इनके जरिए कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा और नौकरियां बढ़ेंगी। कॉलेज प्रतिनिधियों की माने तो एआईसीटीई के इस सर्कुलर से उनके हाथ बंध से गए हैं, क्योंकि पहले ही उनके यहां कई शाखाओं में बड़ी वैकेंसी है। यदि प्रयोग के रूप में नया कोर्स शुरु करें, तो उसमें पर्याप्त प्रवेश होंगे या नहीं, उसकी कोई गारंटी नहीं है।
ठीक तो यह होता
ठीक तो यही होता कि, इंजीनियिरंग की जिन शाखाओं की विद्यार्थियों में डिमांड है, उन्हीं में विद्यार्थी क्षमता बढ़ाने या कोर्स शुरू करने की अनुमति एआईसीटीई जारी करता। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण पहले ही इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया डांवाडोल की स्थिति में होने का आकलन कॉलेजों को है। वहीं परिस्थिति को देखते हुए एक ओर कॉलेज अपने शटर डाउन करने में लगे हैं। एआईसीटीई के ही आंकड़ों के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2020-21 में देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेजों और सीटों में भारी गिरावट देखने को मिली है। पिछले वर्ष जहां देश के कुल 10,992 कॉलेजों में 32,09,703 सीटें थीं, वहीं सत्र 2020-21 में 9,691 कॉलेजों में 30,88,512 सीटें ही रह गई हैं।
Created On :   31 Oct 2020 4:49 PM IST