अब समिति करेगी जंगलों की सुरक्षा

Now the committee will protect the forests
अब समिति करेगी जंगलों की सुरक्षा
दावानल रोकने अब समिति करेगी जंगलों की सुरक्षा

डिजिटल डेस्क, अमरावती।  गर्मियों की शुरुआत होते ही घने जंगलों में आगजनी की घटनाओं की तादाद भी तेजी से बढ़ने लगती है। इस आगजनी के कारण वन्यक्षेत्र के सथ ही वन्य प्राणियों को नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार इन घटनाओं में वन्यप्रणियों की जान तक चली जाती है। जंगलों को आगजनी की घटनाओं से सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग द्वारा वन्यक्षेत्रों में विशेष नियोजन समिति का गठन किया गया है। 

समिति की ओर से एक सप्ताह के भीतर सभी वन्यक्षेत्रों की स्थिति का अध्ययन कर यहां किए जाने वाले सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाएगी। जिसके बाद वन विभाग प्रत्येक क्षेत्र में टास्क फोर्स का गठन कर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा। गत वर्ष जिले में कुल आगजनी की 146 घटनाएं दर्ज हुई थीं। जिनमें 3 हजार 721 हेक्टेयर क्षेत्र जंगल बर्बाद हुआ था।  ग्रीष्मकाल में जंगलों में बढ़ने वाली आगजनी की घटनाओं का फायदा न उठाते हुए लकड़ी माफियां जानबूझकर जंगलों को आग के हवाले कर देते है। इस पर रोक लगाने के लिए भी 10 सुरक्षा कर्मियों की विशेष टास्क फोर्स सभी वन्यक्षेत्रों में तैनात किए गए हैं। इस तरह की घटनाएं रिहायशी इलाकों से सटे जंगलों में अधिक देखी जाती है।

गत वर्ष चार हिरण व एक जंगली भैंस की हुई थी मौत
गत वर्ष जिले के अलग-अलग जंगलों में हुई आगजनी की घटना के दौरान एक जंगली भैसे तथा तीन हिरणों की मौत हुई थी। पोहरा वन्यक्षेत्रों में एक ही आग की घटना में 800 हेक्टेयर क्षेत्र जंगल प्रभावित हुआ था। 

क्या होंगे उपाय
इस बार आग की घटनाओं को रोकने के साथ ही आग को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर दमकल वाहन पहले से आरक्षित रखेगा। साथ ही वन विभाग अपने उपकरणों की तैनाती भी संवेदनशील क्षेत्रों में करने वाला है। ताकि इन घटनाओं को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जा सके। 
 

Created On :   7 March 2022 1:51 PM IST

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