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अब दस साल की सेवा के बाद हटाये जा सकेंगे जिला जज, पहले था 20 साल का प्रावधान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र हाईकोर्ट ने चौबीस साल पुराने उच्चतर न्यायिक सेवा भर्ती नियम बदल दिए हैं। अब जिला जजों को दस साल की सेवा के बाद या पचास साल की उम्र पूरी करने के बाद उनकी कार्यक्षमता को देख हटाया जा सकेगा जबकि पहले 20 साल की सेवा या पचास साल की उम्र के बाद हटाने का प्रावधान था। इसके अलावा अब जिला जज के 65 प्रतिशत पद सिविल जज के पदों से पदोन्नति द्वारा भरे जायेंगे। पहले 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान था।
हाईकोर्ट ने जारी किये थे नए नियम
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने वर्ष 1994 में उच्चतर न्यायिक सेवा भर्ती के नियम बनाए थे। सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों और वेतनमान और पदों की संख्या में बदलाव होने पर अब हाईकोर्ट ने पुराने नियमों को खत्म कर नए नियम जारी कर दिए हैं। ये नियम जिला जजों के पदों पर भर्ती हेतु हैं। पहले जिला जजों में जिला जज, अपर जिला जज, सेशन जज तथा अपर सेशन जज के पद होते थे परन्तु अब प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज, एशिनल डिस्ट्रिक्ट जज, सेशन जज तथा एडिशनल सेशन जज के पद कर दिए गए हैं।
उच्चतर न्यायायिक सेवा के अंतर्गत रखे गए थे 770 पद
नए नियमों के तहत प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज के 62 पद सुपर टाईम स्केल के रखे गए हैं जबकि प्रिंसिपल जज/एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट के सुपर टाईम स्केल के 58 पद रखे गए हैं। सिलेक्शन ग्रेड के अंतर्गत डिस्ट्रिक्ट जज के 154 पद स्वीकृत किये गए हैं। सीबीआई/एमपीएसआईडीसी के सिलेक्शन ग्रेड के जिला जज के 12, एससी/एसटी पीए एक्ट 1989 के स्पेशल जज जोकि सिलेक्शन ग्रेड के हैं - के 43 पद, एन्ट्री लेवल पर जिला जज के 401 पद, इलेक्ट्रीसिटी एक्ट के तहत स्पेशल जज के 10 पद, हाईकोर्ट रजिस्ट्री के 20 पद, विधि विभाग में प्रमुख सचिव/अपर सचिव के 7 पद, स्टेट लीगल सर्विस के 2 पद तथा चेयरमेन परिवहन ट्रिब्युनल का एक पद रखा गया है तथा इस प्रकार उच्चतर न्यायिक सेवा के अंतर्गत कुल 770 पद रखे गएं हैं।
पूर्ववत आयोजित की जाएगी योग्य अधिवक्ताओं की परीक्षा
नए नियमों के तहत 65 प्रतिशत पद सीनियर डिविजन के सिविल जजों को पदोन्नति देकर भरे जायेंगे जबकि पहले 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरने का प्रावधान था। इसी प्रकार, 10 प्रतिशत पद सीनियर डिविजन के उन सिविल जजों को पदोन्नति देकर भरे जायेंगे जिन्होंने अपनी सेवा के 5 वर्ष पूरे कर लिये हैं। पहले 25 प्रतिशत पद 5 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सिविल जजों के पदों से भरने का प्रावधान था। शेष 25 प्रतिशत पद योग्य अधिवक्ताओं से लिखित परीक्षा के माध्यम से भरने का प्रावधान पूर्ववत रखा गया है। एमपी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मोहम्मद फहीम अनवर का कहना है, ‘एमपी हाईकोर्ट ने लॉ डिपार्टमेंट के माध्यम से उच्चतर न्यायिक सेवा भर्ती के नए नियम जारी किये हैं। इसमें नया प्रावधान यही है कि अब हाईकोर्ट कार्यक्षमता देख दस साल की सेवा के बाद जिला जजों को हटा सकेगा। पहले बीस साल की सेवा करने के बाद हटाने का प्रावधान था।’
Created On :   17 March 2018 3:14 PM IST