अब मजदूरों को भी 'मिड डे मील देगी सरकार' , करवाना होगा रजिस्ट्रेशन

Now the government will give lunch to laborers, to be registered
अब मजदूरों को भी 'मिड डे मील देगी सरकार' , करवाना होगा रजिस्ट्रेशन
अब मजदूरों को भी 'मिड डे मील देगी सरकार' , करवाना होगा रजिस्ट्रेशन

विनोद झाड़े , नागपुर । स्कूली बच्चों के बाद अब सरकार मजदूरों को भी दोपहर का भोजन देने की योजना बना रही है।पहले चरण में नागपुर, अमरावती व पुणे विभाग में यह योजना चलाई जाएगी। महाराष्ट्र इमारत व अन्य निर्माणकार्य कामगार कल्याण मंडल का लक्ष्य नागपुर जिले में 40 हजार से ज्यादा कामगारों का रजिस्ट्रेशन करने का है। रजिस्टर्ड कामगारों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा। यह काम एनजीआे व महिला बचत गटों के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए टेंडर भी निकाले गए हैं।

रजिस्टर्ड कामगारों को ही लाभ
महाराष्ट्र इमारत व अन्य निर्माण कामगार कल्याण मंडल ने नागपुर जिले में निर्माणकार्य से जुड़े कामगारों का रजिस्ट्रेशन करने की मुहिम शुरू की है। मंडल का लक्ष्य नागपुर जिले में 40 हजार से ज्यादा कामगारों का रजिस्ट्रेशन करने का है। शासकीय विभागों में ठेकेदार के पास काम करनेवाले कामगार, रेरा अंतर्गत रजिस्टर्ड बिल्डर के पास काम करनेवाले कामगार और मनपा, नासुप्र व स्थानीय स्वराज संस्था में पंजीबद्ध ठेकेदार के पास काम करनेवाले कामगार इस मंडल में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। रजिस्टर्ड कामगारों के कल्याण के लिए मंडल बीमा का लाभ देने पर भी विचार कर रहा है। नागपुर, अमरावती व पुणे विभाग में मंडल कामगारों को मुफ्त में दोपहर का भोजन देगा।

सेंट्रलाइज किचन होगा
महाराष्ट्र इमारत व अन्य निर्माणकार्य कामगार कल्याण मंडल ने 19 मार्च को टेंडर जारी किया है। एनजीआे व महिला बचत गट 9 अप्रैल तक ऑनलाइन टेंडर भर सकते हैं।  मंडल जिसे ठेका देगा, वह संस्था मजदूरों के काम करने के स्थान पर दोपहर का भोजन पहुंचाएगी। एनजीआे को मंडल की तरफ से भुगतान किया जाएगा। हजारों कामगारों का  भोजन सेंट्रलाइज किचन में तैयार होगा। नागपुर जिले में 5-6 जगह सेंट्रलाइज किचन की व्यवस्था हो सकती है। नागपुर विभाग के तहत नागपुर के अलावा वर्धा, चंद्रपुर, गड़चिरोली, भंडारा व गोंदिया जिला आएंगे। इस योजना को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

ठेकेदारों से ले सकते  हैं नाममात्र शुल्क 
सचिव व मुख्य कार्यकारी अधिकारी महाराष्ट्र इमारत व अन्य निर्माणकार्य कामगार कल्याण मंडल मुंबई की आेर से जारी टेंडर में दोपहर के भोजन की योजना व टेंडर भरने के मानकों को बताया गया है। कामगारों से भोजन के बदले कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह योजना कामगारों के हित में लंबे समय तक चलाने के लिए ठेकेदारों से नाममात्र शुल्क लिया जा सकता है। मंडल कामगार के स्वास्थ्य, बीमा व सुरक्षा पर ध्यान देने के साथ ही कामगारों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में भी सहयोग करेगा। अब इसमें दोपहर का भोजन जोड़ा जा रहा है।

महाराष्ट्र संभवत: पहला राज्य 
निर्माणकार्य से जुड़े कामगारों व मजदूरों को दोपहर का भोजन देने की महाराष्ट्र सरकार की योजना है। यह योजना अमल में आई, तो महाराष्ट्र संभवत: देश का पहला राज्य बनेगा, जो कामगारों को मुफ्त में भोजन देगा। अभी तक महाराष्ट्र सहित देश भर की सरकारी व सरकारी अनुदानित स्कूलों में मध्याह्न (दोपहर का भोजन) योजना चल रही है। इसमें केंद्र व राज्य दोनों का योगदान है। 

Created On :   2 April 2018 12:10 PM IST

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