खेतों में अब बचा केवल मलबा ही मलबा, फसलें नष्ट 

Now the only debris left in the fields is debris, crops destroyed
खेतों में अब बचा केवल मलबा ही मलबा, फसलें नष्ट 
गड़चिरोली खेतों में अब बचा केवल मलबा ही मलबा, फसलें नष्ट 

डिजिटल डेस्क,गड़चिरोली । गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष इंद्र देवता जमकर बरस रहें है। जुलाई और अगस्त माह में निर्माण हुई बाढ़ की स्थिति के बाद अब किसानों के खेतों में फसलों के बजाय केवल मलबा दिखायी देने लगा है। अन्नदाता किसानों ने इस वर्ष दोबारा बुआई कर फसले उगाने का प्रयास किया था। लेकिन दोनों प्रयासों में किसानों को निराशा का सामना करना पड़ा। 

कांग्रेस के जिला प्रभारी डा. नामदेव किरसान ने चामोर्शी तहसील के वाघोली, दोटकुली, घारगांव, रामाला, मोहुर्ली आदि गांवों के नुकसानग्रस्त खेतों का जायजा लिया।  इस समय उन्होंने सरकार से नुकसानग्रस्त किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए वित्तीय मदद देने की मांग की है। यहां बता दें कि, चामोर्शी तहसील धान उत्पादक के रूप में परिचित है।  यहां किसी तरह का रोजगार उपलब्ध नहीं होने से सुशिक्षित बेरोजगार भी खेती-किसानी कर अपना गुजर-बसर करता है। इस वर्ष इंद्र देवता ने किसानों की मेहनत पर पूरी तरह पानी फेर दिया है।

सरकार द्वारा किसानों को वित्तीय मदद की आवश्यकता होकर उन्हें तत्काल मदद देने की मांग डा. किरसान ने इस समय की। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता प्रमोद भगत, हरबा मोरे, विलास घोंगडे, जानकीराम पोरटे, कवडू पुटकमवार, अनिल कुमरे, नोमाजी सातपुते, अभिजीत सातपुते, साईंनाथ चलाख, प्रमोद सहारे, शामराव पोरटे, तुलशिराम सातपुते, प्रकाश गेडाम, कृष्णा सातपुते आदि समेत अन्य नुकसानग्रस्त किसान उपस्थित थे। 
 

Created On :   22 Aug 2022 3:13 PM IST

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