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अब टाइगर रिजर्व के बफर जोन में साल भर घूम सकेंगे पर्यटक

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश के वन विभाग के अंतर्गत आने वाले अभ्यारण्यों में पर्यटकों के घूमने के लिये राज्य सरकार ने वन्यप्राणी संरक्षण नियम-1974 के तहत दो साल बाद नए प्रावधान जारी कर दिये हैं। इसके तहत आगामी 1 अक्टूबर से अब टाइगर रिजर्व के बफर जोन में पर्यटक निर्धारित शुल्क देकर सालभर घूम सकेंगे। पहले इनमें 1 जुलाई से 30 सितम्बर तक भ्रमण पर प्रतिबंध था।
हाथी की सवारी का नया शुल्क
नये प्रावधान के अनुसार, अब अभ्यारण्यों में हाथी की सवारी की दरें आधा घण्टे के हिसाब से होंगी। इसके लिये पर्यटक से प्रति आधा घण्टा एक हजार रुपया लिया जायेगा, जबकि दो साल पहले 1 अक्टूबर 2016 को यह दर प्रति पर्यटक एक हजार रुपये प्रति घण्टा थी।
मोबाइल के उपयोग की छूट रहेगी
अब पर्यटकों को सामान्य सफारी भ्रमणों के दौरान उनके स्टिल अथवा वीडियो कैमरे के नि:शुल्क उपयोग की अनुमति होगी। पर्यटक अपने मोबाइल फोन या समकक्ष उपकरणों का उपयोग फोटो खींचने के लिये कर सकेंगे, परन्तु उन्हें पार्क भ्रमण के दौरान अपना मोबाइल फोन साइलेंट मोड पर रखना अनिवार्य होगा। पहले इसका प्रावधान नहीं था।
वन विहार व राला मंडल में बढ़ी फीस
अब भोपाल के राष्ट्रीय वन विहार उद्यान के साथ इंदौर के राला मंडल में पैदल भ्रमण पर मासिक शुल्क 120 रुपये के स्थान पर 300 रुपये, वार्षिक शुल्क 1200 रुपये के स्थान पर 3000 रुपये तथा आजीवन शुल्क 18 हजार रुपये के स्थान पर 24 हजार रुपये होगा। इसी प्रकार, अब इन दोनों वन क्षेत्रों में साइकल से भी भ्रमण किया जा सकेगा, जिसका मासिक शुल्क 450 रुपये, वार्षिक शुल्क 4500 रुपये एवं आजीवन शुल्क 30 हजार रुपये होगा। एक दिन के भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों के लिये वन विहार के साथ-साथ मुकुन्दपुर अभ्यारण्य और राला मंडल को जोड़ते हुये इनमें भी भ्रमण की दरें तय कर दी गई हैं। ये दरें वही हैं जो पूर्व में वन विहार में लागू की गई थीं।
शाहबाज अहमद, पीसीसीएफ वन्यप्राणी मप्र का कहना है कि दो साल बाद प्रदेश के वन अभ्यारण्यों में पर्यटकों के भ्रमण हेतु नये प्रावधान जारी किये गये हैं जोकि आगामी 1 अक्टूबर से प्रभावशील होंगे।
Created On :   2 Jun 2018 4:18 PM IST