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अब घर से कचरा उठा या नहीं, क्यूआर कोड से खुलेगी पोल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। घर से कचरा नहीं उठाने पर कचरा संकलन एजेंसियों की कामचोरी की पोल खुलेगी। क्यूआर कोड से पता चल जाएगा कि, घर से कचरा उठाया है या नहीं। कचरा संकलन की हाईटेक प्रणाली से एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर वॉच रहेगा। नागरिकों की शिकायतों को ब्रेक लगेगा। धरमपेठ जोन से क्यूआर कोड लगाने की शुरुआत की गई। नागपुर महानगरपालिका महाराष्ट्र में इस तरह का प्रयोग करने वाली अपने-आप में पहली स्थानीय निकाय है। महापौर दयाशंकर तिवारी ने घरों पर लगाए गए क्यूआर कोड का मुआयना किया।
स्कैन करना होगा क्यूआर कोड : क्यूआर कोड शहर में हर घर पर लगाया जाएगा। कचरा संकलन कर्मचारी को क्यूआर कोड स्कैन करेगा। जिस घर का क्यूआर कोड स्कैन करेगा, उस घर से उठाए गए कचरे का वजन करेगा। कचरे का वजन क्यूआर कोड प्रणाली में दर्ज करेगा। कचरा उठाने का समय भी निर्धारित होगा। इस व्यवस्था से कचरा संकलन एजेंसी और कर्मचारी की मनमानी पर रोक लगेगी।
मनपा की आर्थिक लूट पर लगेगी रोक : कचरा संकलन एजेंसियों को कचरे के वजन के हिसाब से भुगतान किया जाता है। कचरे का वजन बढ़ाने के लिए मिट्टी, पत्थर मिलाकर मनपा की आर्थिक लूट किए जाने की अनेक शिकायतें की गई हैं। घर से कचरा नहीं उठाने की भी िशकायतें मनपा को मिल रही थीं। क्यूआर कोड प्रणाली से कचरा उठाने कर्मचारी घर पहुंचा या नहीं, इस बात का पता चलेगा। घर से उठाए जाने वाले कचरे का वजन करने पर मिट्टी और पत्थर की मिलावट कर की जा रही मनपा की आर्थिक लूट पर रोक लगेगी।
संपूर्ण शहर में होगा अमल : नागपुर स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड और महानगरपालिका के माध्यम से स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की धरमपेठ जोन में प्रयोगिक तौर पर शुरुआत की गई। रवि नगर के मरारटोली और पीएंड टी कॉलोनी के 10 घरों में क्यूआर कोड लगाए गए। आगे चलकर उसे संपूर्ण शहर में अमल किया जाएगा।
महापौर ने किया व्यवस्था का मुआयना
महापौर दयाशंकर तिवारी उन घरों में पहुंचे, जहां क्यूआर कोड लगाए गए। महापौर की उपस्थिति में कचरा संकलन वाहन पहुंचा। स्वच्छता कर्मचारी ने क्यूआर कोड अपने मोबाइल में स्कैन किया। उठाए गए कचरे का वजन कर कचरा गाड़ी में डाला। इस व्यवस्था का महापौर ने मुआयना किया। नागरिकों से संवाद साधा। इस प्रयोग को सहयोग करने पर उन्हें प्रमाण-पत्र दिए। वाहन चालक विनोद तुमडाम को भी प्रमाण-पत्र दिया गया।
शिकायतों का निवारण करना होगा आसान : महापौर कहा कि कचरा संकलन घर से नहीं किए जाने की नगरसेवक और नागरिकों की शिकायतें मिल रही थीं। क्यूआर कोड प्रणाली से स्वच्छता दूत घर पहुंचा या नहीं, पता चल जाएगा। क्यूआर कोड स्कैन करने पर संबंधित अधिकारी को मकान क्रमांक, मकान मालिक का नाम पता चल जाएगा। इस प्रणाली से नागरिकों की शिकायतों का निवारण करना आसान हो जाएगा। कचरा संकलन एजेंसियों की कार्यप्रणाली में भी परदर्शीता आएगी। इस अवसर पर बग्स फ्री सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के संचालकर दिग्विजय येनुरकर, स्वच्छता विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. गजेंद्र महल्ले, जोनल अधिकारी दीनदयाल टेंभेकर, विशाल कोठारी, कार्तिक ओझा, हीरेन पाठक आदि उपस्थित थे।
Created On :   6 Aug 2021 3:34 PM IST