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NRHM कर्मचारियों की हड़ताल, 200 से अधिक स्वास्थ्य सेवा उपकेंद्र बंद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) कर्मचारियों को लेकर अपनाई जा रही नीति के विरोध में एनआरएचएम ने हड़ताल किया। परिणाम स्वरूप कर्मचारियों के भरोसे चल रहे जिले के करीब 200 स्वास्थ्य सेवा उपकेंद्र बंद रहे। स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ की हड्डी कहलाने वाली परिचारिकाएं हड़ताल में शामिल होने से ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा लड़खड़ा गई स्वास्थ्य सेवा उपकेंद्रों में उपचार नहीं मिलने से मरीजों को गांवों से कोसों दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दौड़ लगानी पड़ी।
इन स्वास्थ्य केन्द्रों का कामकाज प्रभावित
उल्लेखनीय है कि जिले में 49 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 316 स्वास्थ्य सेवा उपकेंद्र हैं। एनअारएचएम के 700 कर्मचारी इन केंद्रों में सेवा दे रहे हैं। 200 से अधिक स्वास्थ्य सेवा उपकेंद्र ऐसे हैं, जहां एनआरएचएम कर्मचारियों के भरोसे स्वास्थ्य सेवा चल रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एएनएम, लेबोरेटरी टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, कार्यक्रम समन्वयक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला लेखा प्रबंधक, जिला सनियंत्रण अधिकारी, मूल्यांकन अधिकारी आदि पदों पर एनआरएचएम कर्मचारियों की सेवा ली जा रही हैं। काम का बोझ अधिक रहने के बावजूद इन्हें लेकर सरकार का रवैये नकारात्मक रहा है । सरकार ने 11 महीने के अनुबंध की कालावधि को घटाकर 6 महीने कर दिया है। काम के मूल्यांकन के आधार पर वेतन वृद्धि, नियुक्त कर्मचारी की किसी भी समय सेवा से समाप्ति की करार में शर्त थोंपी गई हैं। एनआरएचएम कर्मचारी इसके विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं। एनअारएचएम अधिकारी, कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष निलेश सोनावने, उपाध्यक्ष रज्जू परिपगार, कांचन राऊत, उन्मेश कापसे, लता माहुरे, माला काकड़े, मीना महाजन, रत्ना कांबले के नेतृत्व में आंदोलन किया गया। इन कर्मचारियों ने शीघ्र ही मांगें पूरी न होने पर उग्र कदम उठाने की चेतावनी दी है।
यह रही मांगें
वरिष्ठता के आधार पर समायोजन।
समान काम, समान वेतन।
मूल्यांकन के आधार पर वेतन वृद्धि दी जाए।
समायोजन होने तक वेतन अदा किया जाए।
प्रसूति अवकाश कालावधि 6 महीने बढ़ाई जाए।
मेडिक्लेम की सुविधा दी जाए।
Created On :   13 April 2018 11:44 AM IST