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अमरावती में एनएसयूआई ने किया कुलगुरु का घेराव

डिजिटल डेस्क, अमरावती। संत गाड़गेबाबा विश्वविद्यालय के विद्यार्थी विकास संचालक पद पर महाराष्ट्र सार्वजनिक विद्यापीठ कानून 2016 की धारा (क)(1) के मुताबिक प्रा. राजीव बोरकर की नियुक्ति की गई। नियुक्ति को लेकर एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेेड़े को उनके कक्ष में घेरकर आड़े हाथों लिया। समाधानकारक जवाब न देते हुए आखिरकार कुलगुरु अपने कक्ष से रवाना हो गए। संत गाड़गेबाबा विश्वविद्यालय के विद्यार्थी विकास संचालक पद पर प्रा. राजीव बोरकर की नियुक्ति की गई है। विद्यापीठ कानून के 23 (क) के तहत विद्यापीठ विद्यार्थी संघ के चुनाव लेने की जिम्मेदारी संचालक, विद्यार्थी विकास को सौंपी गई है। ऐसा होते हुए भी चुनाव में शामिल होने वाले एबीवीपी के प्रांत उपाध्यक्ष तथा अकोला जिले के भूतपूर्व विभाग प्रमुख पद पर नियुक्ति की गई है। यह बात नियम के खिलाफ है।
महाराष्ट्र विद्यापीठ कानून के मुताबिक युवक कांग्रेस की तरफ से मार्च 2022 में विश्व विद्यालय की नियुक्ति रद्द करने बाबत लिखित पत्र दिया था। 31 मार्च 2022 को कुलगुरु ने युवक कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा कर विद्यापीठ के विधि अधिकारी से कानूनी बात की जांच किए बिना डॉ. बोरकर को कार्यरत न करने का आश्वासन दिया था, लेकिन एनएसयूआई को प्राप्त हुए पत्र के मुताबिक उन्हें एक दिन पूर्व ही ज्वाइनिंग लेटर भेजा गया है और 1 अप्रैल 2022 को कार्यरत कर लिया गया। इस कारण एनएसयूआई ने इस पर आपत्ति जताते हुए गुरुवार 7 अप्रैल को कुलगुरु दिलीप मालखेड़े से मिलने विश्वविद्यालय पहंुचे। प्रतिनिधिमंडल ने बोरकर की नियुक्ति को लेकर सभी प्रशासकीय यंत्रणा के हित संबंध और राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाया है। तब कुलगुरु वहां से कोई जवाब दिए बिना रवाना हो गए। इस अवसर पर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष संकेत कुलट, युकां के जिलाध्यक्ष नीलेश गुहे, प्रदेश युकां सचिव समीर जवंजाल, योगेश बुंदिले, शक्ति राठोड़, संकेत बोके, संकेत साहू, अक्षय साबले चैतन्य गायकवाड़, ऋषिराज मेटकर, सांगर दामोधर, चैतन्य नांदुरकर, विनोद सुरोसे, शिवानी पारधी, अभिराज निंबेकर, विक्की तायडे, अमीत गुडधे सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।
Created On :   8 April 2022 1:35 PM IST