घटती जा रही है नागपुर यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने वालों की संख्या

Number of people taking admission in Nagpur University is decreasing
घटती जा रही है नागपुर यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने वालों की संख्या
शिक्षा घटती जा रही है नागपुर यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने वालों की संख्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्य भारत का सबसे प्राचीन राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय अपने शतकपूर्ति की ओर बढ़ रहा है। वर्ष 1923 में इसकी स्थापना हुई थी। तब से यह संस्थान मध्य भारत के प्रमुख शिक्षा संस्थानों में से है, लेकिन बीते कुछ वर्षों के आंकड़े दर्शा रहे हैं कि विद्यार्थी धीरे-धीरे करके नागपुर विश्वविद्यालय से बिछड़ते जा रहे हैं। विशेषकर शैक्षणिक सत्र 2020-21 याने पहले लॉकडाउन के दौरान यह स्थिति निकल कर आई है।  जानकारी के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2020-21 में मात्र 10,38,99 िवद्यार्थियों ने नागपुर विश्वविद्यालय के विभागों और संलग्नित कॉलेजों में प्रवेश लिया है। यह स्थिति बीते पांच वर्षों की सबसे बुरी स्थिति रही है। विवि अधिकारियों की मानें तो लॉकडाउन के दौरान आॅनलाइन स्टडीज का क्रेज बढ़ा। वैसे तो उम्मीद थी कि घर पर रहने के कारण मध्य भारत के अनेक विद्यार्थी विवि से संलग्नित कॉलेजों में प्रवेश लेंगे, लेकिन इसके उलट ऑनलाइन की सुविधा ने विद्यार्थियों को विदर्भ के बाहर पढ़ाई करना सुलभ करवाया है। 

अन्य शहरों को प्राथमिकता : वहीं शैक्षणिक सत्र 2019-20 की विद्यार्थी संख्या पर नजर डालें तो इस वर्ष 1,12,280 विद्यार्थियों ने विवि में प्रवेश लिया था। वहीं सत्र 2018-19 में 1,16,070 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था। वर्ष 2017-18 विवि के लिए अच्छे थे। इस दौरान 2,49,796 विद्यार्थियों ने विवि में प्रवेश लिया तो इसके पूर्व वर्ष 2016-17 में 2,15,272 विद्यार्थियों ने विवि में प्रवेश लिया है। जानकारों के अनुसार, इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण नागपुर विवि से संलग्नित इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। हाल के वर्षों में इंजीनियरिंग की ओर से विद्यार्थियों का मोह भंग हुआ है। विद्यार्थी मुंबई, पुणे या अन्य बड़े शहरों के कॉलेजों को प्राथमिकता दे रहे है। वहां उन्हें अच्छी शिक्षा के साथ साथ बेहतर प्लेसमेंट भी उपलब्ध है। नागपुर में बेहतर प्लेसमेंट न मिलने के कारण अधिकांश विद्यार्थी बाहर पढ़ने जाते हैं। विवि में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों में पारंपरिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या अधिक है। 

Created On :   14 Jun 2022 5:02 AM GMT

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