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चार लाख में लग गए चार चांद, संकल्प ने बदल कर रखी दी गांव की तस्वीर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार ने तहसील स्तरीय गांवों को नगर पंचायत तथा नगर परिषद बनाया था। अब इसकी तसवीर बदल चुकी है। 19 मार्च 2015 को हिंगणा ग्राम पंचायत को भी नगर पंचायत का दर्जा मिला था। नगर पंचायत बनने के पहले निधि के अभाव में इस गांव का विकास नहीं हो पाया। जहां-तहां गंदगी, कचरा फैला रहता था लेकिन नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद ही यहां की स्थिति बदलने लगी। नप बनने के बाद मुख्याधिकारी ऋृचा धाबर्डे ने 16 अगस्त 2016 को पदभार संभाला। नई नप व नई मुख्याधिकारी इस क्षेत्र को मिलीं। अगर कुछ करने का संकल्प हो तो हर काम संभव है।
इस राह पर चलकर सीईओ धाबर्डे ने पिछले 2 साल के कार्यकाल में ही गांव की कायापलट कर दी। वह भी सिर्फ 4 लाख रुपए में। गांव के खाली पड़े मैदान में गार्डन बनाया गया। शौचालय के आसपास की सफाई कर वहां पेंटिंग करने के बाद गार्डन का निर्माण किया गया। इसमें बच्चों के खिलौने लगवाए गए हैं। सड़क किनारे स्थित पेड़ों पर पेंटिंग की गई है। गांव के मुख्य चौक पर बड़े पेड़ को गोल चबूतरा बनाकर उस पर भी आकर्षक पेंटिंग बनायी गई है। स्कूल हो या समाज भवन, आंगनवाड़ी हो या उपकेन्द्र सभी की दीवारों पर समाज को संदेश देने वाली आकर्षक पेंटिंगों से पूरा हिंगणा सुंदर नजर आ रहा है। न के बराबर खर्च कर गांव को सुंदर बनाने का प्रयास सफल होने पर सभी तरफ से सराहना की जा रही है।
हिंगणा नगर पंचायत की बदली सूरत
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हिंगणा नप की आबादी 7668 है। कुल क्षेत्रफल 743.46 हेक्टेयर आर है और करीब 300 हेक्टेयर आर में यह आबादी बसी है। इसमें अभी तक कुल 6 गार्डन बनाए गए हैं और 2 गार्डन बनाए जाने हैं। गार्डन बनाने पर सिर्फ 2 लाख रुपए खर्च हुए हैं। 1 लाख रुपए की लागत से खुबसूरत पेंटिंग की गई है। अन्य खर्च एक लाख का आया है। सिर्फ चार लाख रुपए में ही गांव चमकने लगा है। पहले यहां शासकीय शौचालय में जाने के लिए ही ठीक से रास्ता नहीं था। साफ-सफाई का अभाव साफ नजर आता था। मुख्याधिकारी धाबर्डे ने शौचालय के आसपास की खाली पड़ी जमीन की सफाई कर वहां गार्डन बनवाए। बच्चों को खेलने के लिए खिलौने लगवाए और शौचालय की दीवार पर आकर्षक पेंटिंग करवाई। अब यहां की सुंदरता को देखकर कोई गंदगी नहीं करता। अधिकारियों को उम्मीद है कि क्षेत्र के लोग न केवल शौचालय का उपयोग करेंगे बल्कि यहां की साफ-सफाई भी करेंगे। क्योंकि गार्डन में खेलने उन्हीं के बच्चे आएंगे। क्षेत्र के लोग अपना फर्ज निभाएंगे। धनगरपुरा और कसबा में गार्डन बनाए गए हैं।
भारत को गांवों का देश कहा जाता है। गांवों में आज भी एक अलग ही दुनिया बसती है। यह शहर की दौड़-धूप से काफी दूर रहती है। भारत की आधी से अधिक आबादी गांवों में रहती है। गांधी जी ने कहा था, “असली भारत गांवों में बसता है’। लेकिन जब विकास की बात आती है तो शहर को ही भारत दिखाया जाने लगता है। विकास की दौड़ में शहर से गांव पीछे रह गए हैं। शहरी जिंदगी आराम से गुजर जाती है और गांव के लोगों को प्रतिदिन जीने के लिए संघर्ष करना होता है। इन गांवों की स्थिति बदल सकती है, यदि इसके लिए संकल्प लिया जाए। इसका उदाहरण है हिंगणा ग्राम पंचायत। पहले जहां निधि के अभाव में इसका विकास नहीं हो पाया था, वहीं आज इस गांव की काया ही पलट गई है। वह भी सिर्फ 4 लाख रुपए में। अब गांव के खाली पड़े मैदान में गार्डन बना दिया गया है तो शौचालय के आसपास साफ-सफाई करने के बाद पेंटिंग की गई है। गार्डन में बच्चों के खेल संसाधन लगाए गए हैं। सड़क किनारे लगे पेड़ों पर पेंटिंग की गई है।
संकल्प ने बदल दी गांव की सूरत, कई विकास कार्य जारी
हिंगणा नप बनने के बाद तीन सालों में 11 करोड़ रुपए निधि विधायक समीर मेघे के प्रयास से मिली है। इसमें से 7 करोड़ रुपए के विकास कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किए गए। इसमें सड़क और नालियाें आदि का समावेश है। हिंगणा नप को जिला स्तरीय नगरोत्थान, दलित बस्ती, दलितेत्तर, नवनिर्मित नगर पंचायत, सहायक अनुदान और नगर पंचायत सामान्य निधि से सभी वार्डों में 2 करोड़ रुपए के सड़क और नालियों के विकास कार्य किए जा रहे हैं। हिंगणा स्थित गणेश मंदिर में तीर्थस्थल विकास के तहत 2 करोड़ रुपए का विकास कार्य नप द्वारा किया जाएगा। हिंगणा नप अंतर्गत धनगरपुरा स्थित जिला परिषद प्राथमिक स्कूल में 60 विद्यार्थी पढ़ते हैं। यहां 3 शिक्षक कार्यरत हैं। यहां पर 4 निजी स्कूल हैं। जहां पर 2 हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं।
स्वच्छता और शौचमुक्त का पुरस्कार मिला
हिंगणा नगर पंचायत को वर्ष 2018 में स्वच्छ और सुंदर नगर पंचायत का पुरस्कार मिला है। साथ ही शौचमुक्त गांव का भी पुरस्कार मिला है। गांव को दो वर्ष में स्वच्छ, सुंदर और खुले में शौचमुक्त होने से ग्रामवासियों का न केवल स्वास्थ्य अच्छा रहता है बल्कि उनका रहन-सहन भी अच्छा हो गया है।
सभी के प्रयास से मिली सफलता
ऋृचा धाबर्डे, मुख्याधिकारी के मुताबिक हिंगणा नप को स्वच्छ व सुंदर बनाने में स्थानीय विधायक समीर मेघे, पूर्व नगराध्यक्ष मीनाक्षी ढोले, नगराध्यक्ष छाया भोस्कर सभी नगरसेवक तथा नागरिकों ने सहयोग दिया जिसके कारण यह प्रयास सफल हो पाया है। गांव को 24 घंटे पानी मिले इसलिए प्रस्ताव बनाकर मंत्रालय में भेजा है। उम्मीद है कि विधायक के प्रयास से जल्द ही यह मंजूर होगा। नप की नई इमारत और डीपी प्लान भी जल्द ही पूरा किया जाएगा। गांव में कचरा संकलन के लिए नियमित गाड़ियां घूमती हैं। गांव को स्वच्छ व सुंदर रखने में स्थानीय नागरिक भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं।
Created On :   16 Sept 2018 4:44 PM IST