ओबीसी कोटे पर सरकारी फरमान से रिक्त हुआ  जिप उपाध्यक्ष पद

OIP quota vacates post of government vice president
ओबीसी कोटे पर सरकारी फरमान से रिक्त हुआ  जिप उपाध्यक्ष पद
ओबीसी कोटे पर सरकारी फरमान से रिक्त हुआ  जिप उपाध्यक्ष पद

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निर्वाचन आयोग ने जिला परिषद के ओबीसी कोटे से निर्वाचित 16 सदस्यों का निर्वाचन रद्द कर दिया। इसमें उपाध्यक्ष मनोहर कुंभारे की सदस्यता रद्द हो गई। चूंकि यह प्रशासकीय पद है। स्वास्थ्य समिति तथा निर्माण कार्य समिति सभापति पद भी उन्हीं के पास रहा। पद रिक्त होने पर अधिकार का हस्तांतरण किया जाए या पद निरस्त किया जाए, इसे लेकर कोई स्पष्टता नहीं रहने से प्रशासन पशोपेश में है। इस विषय पर जिला परिषद प्रशासन ने सरकार से राय मांगी है। 

जिलाधिकारी ने जारी किया पत्र 
राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश पर सोमवार को जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे ने 16 जिला परिषद सदस्यों को उनकी सदस्यता रद्द किए जाने का पत्र देकर अवगत कराया। जिलाधिकारी के पत्र जारी करने पर जिला परिषद में प्रशासकीय गतिविधियां तेज हो गईं। जिला परिषद में अपने-आप में इस प्रकार का पहला प्रसंग रहने से प्रशासन भी पेंच में फंस गया है। जिला परिषद में कांग्रेस की सत्ता है। मनोहर कुंभारे के पास उपाध्यक्ष की कमान रही। स्वास्थ्य समिति और निर्माणकार्य समिति सभापति पद भी उन्हीं के पास रहा। 

सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की सदस्यता सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के कारण कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक होने के कारण ओबीसी कोटे से निर्वाचित सदस्यों की सदस्यता रद्द कर दी। 50 प्रतिशत आरक्षण के दायरे में नए सिरे से आरक्षण तय कर दोबारा चुनाव लेने का फैसला सुनाया। कुंभारे की सदस्यता रद्द होने से उपाध्यक्ष तथा स्वास्थ्य समिति व निर्माणकार्य समिति सभापति पद की जिम्मेदारी किसके कंधे पर रहेगी, इस विषय में स्पष्ट नियम नहीं है।  

स्पष्ट प्रावधान नहीं 
अध्यक्ष का पद रिक्त होने पर उपाध्यक्ष को अधिकार हस्तांतरण का कानून में स्पष्ट प्रावधान है। उपाध्यक्ष की सदस्यता रिक्त होने पर उपाध्यक्ष के अधिकार अध्यक्ष को हस्तांतरण का कानून में स्पष्ट प्रावधान नहीं रहने से प्रशासन कानूनी पेंच मे उलझ गया है। कानूनन अध्यक्ष को उपाध्यक्ष के अधिकार प्राप्त नहीं होने पर उपाध्यक्ष की आस्थापना प्रशासकीय कामकाज से अलग करनी पड़ सकती है। बहरहाल इस विषय पर सरकार की राय आने पर ही उचित निर्णय लिया जा सकता है।
 

Created On :   10 March 2021 2:06 PM IST

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