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औद्योगिक क्षेत्रों में पुरानी समस्याएं अब भी बरकरार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ के पुराने अौद्योगिक क्षेत्रों में से एक नागपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित औद्योगिक क्षेत्र, उप्पलवाड़ी कोरोना काल से तो उबरने लगा है, पर वर्षों पुरानी समस्याएं अब भी बरकरार हैं। सड़कें और लाइट तक की पर्याप्त सुविधा नहीं है। बारिश के दिनों में तो और बुरा हाल हो जाता है। जलनिकासी नहीं होने से जलजमाव की समस्या परेशान करती है। अब तक कई बार यहां की को-ऑपरेटिव सोसाइटी की ओर से प्रशासन को पत्र लिखे गए, लेकिन सरकार की कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
यह भी जानें
उप्पलवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना 1961 में हुई थी। उद्घाटन पूर्व वत्त मंत्री मोरारजी देसाई ने किया था। धीरे-धीरे करके यह पूरा क्षेत्र 22 एकड़ में फैल गया है। लगभग 50 उद्योग चल रहे हैं। यह क्षेत्र वांजरा और म्हासाला की जमीन पर स्थापित है। वहां के उद्यमी राजेश सारडा बताते हैं कि वर्ष 1968 में राज्य सरकार के उद्योग विभाग ने उप्पलवाड़ी में शेड बनाकर किराए पर दिए थे। उस समय यहां पर चुनिंदा उद्योग थे। इसके बाद धीरे-धीरे यहां लोग आने लगे। उद्योगों की संख्या भी बढ़ने लगी। आज स्थिति यह है कि यहां उद्योग लगाने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है।
मुश्किल बढ़ाएंगी नई शर्ते
उद्यमी राजेश सारडा ने बताया कि आज उपराजधानी में तेजी से विकास हो रहा हे। यह औद्योगिक क्षेत्र शहर सीमा के पास आता जा रहा है। आने वाले 10-11 वर्ष में यहां पर काम करना मुश्किल हो जाएगा। आसपास आवासीय क्षेत्र विकसित हो रहा है। इसके चलते प्रदूषण नियंत्रण विभाग की बहुत सी नई शर्तें लागू हो जाएंगे। उनका पालन जरूरी हो जाएगी। मनपा जिस तरह यहां से टैक्स वसूलती है। उसी तरह उसे यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर के िलए भी काम करना चाहिए। आज बाहर से आने वाले बायर यहां की दुर्दशा देखकर ही दूर भागते हैं। यहां के विकास की घोषणाएं फाइलों तक सीमित रहती हैं।
मूलभूत सुविधाएं भी नदारद
इस औद्योगिक क्षेत्र में अधिकतर केमिकल इंडस्ट्रीज हैं। 2 हजार से अधिक लोगों को रोजगार िमला है। वर्ष 1985 से इस क्षेत्र को अपने दायरे में लेते हुए मनपा ने आॅक्ट्राय टैक्स लगाना शुरू कर दिया था। इतने वर्ष से टैक्स लेने के बाद भी यहां की मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया गया। यहां पर मनपा द्वारा न तो सड़क बनवाई गई है, और न ही स्ट्रीट लाइट लगाई गई। टैक्स बराबर वसूला जा रहा है। पूर्व मंत्री िनतीन राऊत ने यहां की स्थिति को देखते हुए अपनी िनधि से स्ट्रीट लाइट लगवाए थे। क्षेत्र से इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट दोनों का कार्य होता है। यहां विदेशों से भी बायर आते हैं। एप्रोच रोड बदहाल है। इससे गलत छवि बनती है।
अब तक नहीं मिली सहायता
यह एक ऐसा औद्योगिक क्षेत्र है, जिसे सरकार की ओर से िकसी तरह की सहायता नहीं मिली। हर तरह के टैक्स बाकायदा वसूले जाते हैं, पर काम कुछ नहीं हुआ। यहां अपनी यूनिट की सुरक्षा के लिए सोसाइटी और स्वयं के खर्चे से ही गेट लगाए गए हैं।
Created On :   8 Dec 2020 2:06 PM IST