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चूल्हा-चौका छोड़ परीक्षा देने पहुंची प्रौढ़ महिलाएं

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती यह कहीं भी कभी भी ग्रहण की जा सकती है । गांधीजी ने भाी कहा था कि व्यक्ति जीवन भर विद्यार्थी रहता है । इस तथ्य को सिध्द कर दिखाया यहां कि महिलाओं ने जिन्होंने ढ़लती उम्र में भी न केवल विद्याअर्जन किया बल्कि परीक्षा देकर विधिवत प्रमाण पत्र भी हासिल किया ।
साक्षर भारत अभियान चलाया
निरक्षरों को साक्षर करने के लिए साक्षर भारत अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के अंतर्गत बुधवार को अंतिम चरण की परीक्षा हुई जिसमें 90 फीसदी से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हुए। कुल 356 प्रौढ़ शिक्षा केन्द्रों पर हुई इस परीक्षा में कुल 16 हजार 433 परीक्षार्थियों को शामिल कराने का लक्ष्य था जिसकी तुलना में 12 हजार 175 परीक्षार्थी शामिल हुए। परीक्षा में लोगों का उत्साह देखा गया जो महिलाएं चूल्हा-चौका और घर-गृहस्थी के कामों में रहती थी वह भी आज परीक्षाएं देने पहुंची।
पुरूष भी पीछे नहीं
महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों में भी परीक्षा देने का उत्साह देखा गया। परीक्षा की मानीटरिंग एपीसी, बीआरसी, बीएसी, सीएसी, प्राचार्य एवं प्रधानध्यापकों द्वारा किया गया। इन परीक्षाओं के पर्यवेक्षण के लिए शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के अलावा कक्षा नवमीं-ग्यारहवीं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं भी पहुंची थी। इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए नवसाक्षरों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
जिले में कुल एक लाख अस्सी हजार नवसाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य था जिसमें से डेढ़ लाख लोगों की पहले ही परीक्षा हो चुकी है। शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती यह कहीं भी कभी भी ग्रहण की जा सकती है । गांधीजी ने भाी कहा था कि व्यक्ति जीवन भर विद्यार्थी रहता है । में भी परीक्षा देने का उत्साह देखा गया। बुधवार को हुई परीक्षा में 16 हजार 433 परीक्षार्थियों का परीक्षा में शामिल कराने का लक्ष्य था।
- पी.आर.त्रिपाठी, प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी
Created On :   29 March 2018 2:42 PM IST