ऋषियों की इस भूमि पर कृषकों को भी मिले पूर्ण सम्मान :श्री श्री रविशंकर

On this land of the sages, the farmers also received full respect: Sri Sri Ravi Shankar
ऋषियों की इस भूमि पर कृषकों को भी मिले पूर्ण सम्मान :श्री श्री रविशंकर
ऋषियों की इस भूमि पर कृषकों को भी मिले पूर्ण सम्मान :श्री श्री रविशंकर

डिजिटल डेस्क बालाघाट । आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी ने आज बालाघाट से जबलपुर रवाना होने से पूर्व कि भारत ऋषि एवं कृषि का देश है। ऋषि ज्ञान देता है और कृषि अन्न देती है। वर्तमान समय में लोग खेती करना पसंद नहीं करते है। इससे हमारी कृषि पिछड़ती जायेगी। हमें जैविक खेती को अपनाने के साथ ही किसानों को सम्मान देना होगा। किसानों का सम्मान नहीं होगा तो देश विकास की दौड़ में पिछड़ जायेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान के नतृत्व में मध्यप्रदेश में जैविक खेती के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि किसानों को जहरीला अनाज पैदा करने से बचने के लिए जैविक खेती को अपना होगा। तीन दिन के इस जैविक एवं आध्यात्मिक कृषक सम्मेलन के दौरान उन्नत कृषि यंत्रों एवं जैविक उत्पादों के 170 स्टाल लगाए गये हैं। मेले में आने वाले किसानों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई है। इस आयोजन में 11 वैज्ञानिक भी शामिल होने आये हैं, जो जैविक कृषि पर किसानों के समक्ष अपने विचार रखने के साथ ही किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे है।
                         बालाघाट से प्रस्थान के पूर्व  श्रीश्री रविशंकर जी का भव्य स्वागत किया गया साथ ही क्रषक सम्मेलन के पश्चात गुरूदेव बालाघाट स्थित शुभारंभ लाँन में पहुँचकर सभी धार्मिक,अध्यात्मिक,सामाजिक स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ ही बड़ी सँख्या में बाहर राज्य व जिलों से आये आर्ट आँफ लिविंग स्वयंसेवकों से भेंट कर आर्शीवाद दिया । सफल आयोजन के लिये सभी की सराहना करते हुऐ कहा कि हम सभी गाँव-गाँव जाकर किसानों को आध्यात्मिक जैविक क्रषि की ज़ीरो बजट फ़ार्मिंग की ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्म निर्भर बनाने जुट जायें । इस सम्पूर्ण आयोजन के लिये आयोजक आर्ट आँफ लिविंग परिवार की ओर से कहा गया कि हमारे क्रषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन का भी आभारी है जिनके सफल प्रयासों से गुरूदेव का आगमन बालाघाट में हुआ और उनके इस प्रयास से लाखों किसानों ने गुरूदेव का आर्शीवाद प्राप्त करने का अवसर मिला । यहां जो मार्गदर्शन प्राप्त हुआ और निश्चित ही भविष्य में यहआध्यात्मिक-जैविक क्रषि सम्मेलन किसानों के लिये मील का पत्थर साबित होगा और किसान कम लागत लगाकर अधिक उत्पादन प्राप्त करने के साथ ही अध्यात्म के सहारे विपरीत परिस्थितियों में भी अपने मनोबल को ऊँचा रख पायेंगे,

Created On :   8 March 2018 5:53 PM IST

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