वकीलों व न्यायालय पर खर्च हुए सवा करोड़

One and a half crores spent on lawyers and courts
वकीलों व न्यायालय पर खर्च हुए सवा करोड़
लोनिवि और बीएसएनएल के सर्वाधिक मामले वकीलों व न्यायालय पर खर्च हुए सवा करोड़

डिजिटल डेस्क, अमरावती।  जिला परिषद को मिनी मंत्रालय के तौर पर भी जाना जाता है। जिप की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में जन सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के लिए पंचायत समितियों तथा ग्रामपंचायतों के माध्यम से विकास कार्य किए जाते हैं। इसमें स्वच्छता दल, आपूर्ति, सड़क निर्माण व मनरेगा अंतर्गत आनेवाले कार्यों का समावेश होता है। कभी-कभी जनहित के यह कार्य जिप प्रशासन को कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पर मजबूर कर देते हैं और इन मुकदमों के चलते जहां कार्यों में बाधाएं निर्माण होती हैं तो वहीं प्रशासन को बड़े पैमाने पर आर्थिक खर्च भी उठाना पड़ता है। 

जिप विधि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अलग-अलग विभागों से जुड़े कुल 248 मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। इन मामलों में जिप का पक्ष न्यायालय में रखने के लिए 16 अधिवक्ताओं को नियुक्त किया गया है। इनमें दो अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय से जुड़े मामलों को देख रहे हैं। जबकि पांच अधिवक्ताओं को उच्च न्यायालय में पैरवी का जिम्मा सौंपा गया है। जबकि 9 अधिवक्ता तहसील व जिला स्तर की अदालतों में जिप की पैरवी करते हैं। वकीलों की इस फौज पर जिप को मासिक रूप से आैसतन 10 लाख से अधिक खर्च करने पड़ रहे हैं। 

1 अप्रैल 2021 से लेकर अब तक 248 मामलों की सुनवाई पर 1 करोड़ 29 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हंै। इनमें सबसे अधिक निधि वकीलों के फीस के तौर पर खर्च हुई है। वहीं न्यायालय के आदेश पर दूसरी संस्थाओं को दी गई जुर्माने की राशि का इसमें समावेश नहीं किया गया है। कुल 248 मामलों में से बीएसएनएल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने के 41 मामले न्यायालय में चल रहे हंै। जबकि लोनिवि से विवाद के कारण 37 मामले न्यायालय के सामने विचाराधीन हंै। इसके अलावा व्यक्तिगत संपत्ति, भूमिअधिग्रहण व जिप की संपत्तियों पर अवैध कब्जे से जुड़े मामलों की बात कही गई है। जबकि जिप के 81 कर्मचारी ऐसे हंै जिन्होंने प्रशासनिक कार्रवाई के विरोध में मामले दर्ज कराए हंै। 

Created On :   10 March 2022 3:44 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story