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एसटीपी प्लांट की त्रुटियां निकालने में बीत गया एक साल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट यानी एसटीपी लगाने के लिए जगह की समस्या हल हो गई। जिला परिषद ने निधि के लिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (एमपीएसबी) के पास प्रस्ताव भेजा, लेकिन निधि आवंटित करना छोड़ एसटीपी प्लांट की त्रुटियां निकालने में एमपीएसबी ने एक वर्ष निकाल दिया। सावनेर तहसील के चिचोली खोपरखेड़ा में यह एसटीपी लगाया जाना है। सावनेर तहसील से कोलार नदी बहती है। तहसील के चिचोली खापरखेड़ा व पोट चनकारपुर के नालियों का पानी कोलार नदी में जाता है। गंदा पानी नदी में मिलने से नदी प्रदूषित हुई है। इसे शुद्ध करने के लिए महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने जिला परिषद को एसटीपी लगाने का आदेश दिया था। जिस जगह एसटीपी लगाना है, वह जमीन वन विभाग व राजस्व विभाग के अधिनस्त रहने से जमीन की समस्या थी। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद जमीन की समस्या हल हुई। चिचोली में 0.99 हेक्टेयर जमीन एसटीपी लगाने के लिए 1 जनवरी 2020 को मंजूरी प्रदान की गई।
3.56 करोड़ की लागत अपेक्षित
एसटीपी की प्रोजेक्ट रिपोर्ट महाराष्ट्र जीवन प्राधिकारण ने तैयार की है। इसे बनाने में 3 करोड़, 56 लाख रुपए लागत अपेक्षित है।प्रोजेक्ट रिपोर्ट महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के पास भेज दी गई है। सावनेर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे राज्य के पशु संवर्धन मंत्री सुनील केदार इसका फाॅलोअप ले रहे हैं। एक साल हो चुका है, अभी तक महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रकल्प के लिए दोनों ग्राम पंचायतों का गारंटी पत्र नहीं जोड़ने की खामी दर्शाने की जानकारी मिली है। जबकि जिला परिषद ने पहले ही दोनों ग्राम पंचायतों का गारंटी पत्र पेश किया गया है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल को निधि आवंटित करने में कम और केवल खामी निकाल कर प्रकल्प लड़खड़ाने में अधिक रुचि लेने की जनता और प्रशासन की भावना बनी हुई है।
Created On :   14 Jun 2021 4:19 PM IST