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- Only 15 Crore of crop insurance benefits received during last 18 years
दैनिक भास्कर हिंदी: 18 साल के दौरान नागपुर जिले में मिला फसल बीमा का लाभ महज 15 करोड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले 18 साल में रबी के मौसम में फसल लेनेवाले नागपुर जिले के 44876 किसानों को 15 करोड़ 26 लाख का फसल बीमा मिला है। RTI से मिली यह जानकारी बेहद चौंकानेवाली है, इसलिए कि इसमें सब कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा। आंकड़ों के इस हिसाब से प्रति साल एक करोड़ रुपए से भी कम का फसल बीमा किसानों को मिला। वर्तमान में जिले में किसानों की संख्या लगभग ढाई लाख के आस-पास है। इसके पहले के क्रमश: वर्षों में किसानों की संख्या और ज्यादा ही होगी, पर इस ढाई लाख की संख्या को ही फिक्स मानकर चलें तो 18 साल में यह (2.5 लाख गुना 18) मतलब 45 लाख के आस-पास होता है। मतलब इन 18 सालों में इसका लगभग सौवां भाग (44876 किसान) ही फसल बीमा से लाभान्वित हो पाया।
RTI में मिली जानकारी के अनुसार, बुआई से लेकर फसल कटाई तक होनेवाले नुकसान पर फसल बीमा योजना लागू होती है। कटाई होने के बाद होनेवाले नुकसान पर फसल बीमा का लाभ नहीं मिलता।
प्राकृतिक आपदा, प्राकृतिक आग, बिजली गिरना, आंधी-तूफान, अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, सूखा, अनियमित बारिश, कीट व रोग लगने से होनेवाले नुकसान के लिए फसल बीमा दिया जाता है।
फसल के नुकसान का जायजा जिला प्रशासन व कृषि विभाग मिलकर लेता है। नुकसानग्रस्त क्षेत्रों के पंचनामे तैयार किए जाते हैं। संबंधित बीमा कंपनी के प्रतिनिधि संबंधित क्षेत्रों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार करते हैं।
बीमा कंपनी द्वारा जो तकनीकी मानक तय किए गए हैं, उन मानकों को पूरा करने के बाद ही बीमा कंपनी किसानों को फसल बीमा का लाभ देती है।
यह है फसल बीमा
नागपुर समेत देश भर में रबी व खरीफ मौसम में फसल ली जाती है। अतिवृष्टि व सूखे का खतरा हमेशा फसल को बना रहता है। फसल का नुकसान होने पर किसान की आर्थिक स्थित बेहद खराब हो जाती है। किसान को इस मुसिबत से बचाने के लिए फसल का बीमा कराया जाता है। जो किसान बैंक से फसल कर्ज लेता है उसे फसल बीमा कराना अनिवार्य है आैर बैंक से कर्ज नहीं लेनेवाले किसान को फसल का बीमा कराना अनिवार्य नहीं है।
बदलती रहती हैं बीमा कंपनियां
रबी के मौसम में वर्ष 1999-2000 से लेकर वर्ष 2017-18 तक 44876 किसानों को 15 करोड़ 26 लाख का फसल बीमा दिया गया हैै। इसमें खरीफ मौसम में ली गई खेती के नुकसान का आंकड़ा शामिल नहीं है। बीमा कंपनियां हर दो-तीन साल में बदलती रहती हैैं। सरकार अपनी तरफ से किसानों को जो नुकसान भरपाई देती है, वह इसमें शामिल नहीं है।
कब नहीं मिलता बीमा का लाभ
युद्ध के दुष्परिणाम, जान-बूझकर नुकसान करना, जो खतरा टाला जा सकता है, साजिश के तहत नुकसान करना आैर फायदे के िलए ऐसा कृत्य करना जिससे फसल बर्बाद हो। ऐसे मामलों में फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिलता। फसल बीमा योजना का नाम अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हो गया है।
किसान भरता है केवल 5 फीसदी प्रीमियम
किसान केवल 5 फीसदी तक ही फसल बीमा का प्रीमियम भरता है। प्रीमियम की 95 फीसदी राशि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर भरती हैै। अलग-अलग फसलांे के लिए अलग-अलग प्रीमियम तय किए हैं। किसी फसल पर किसान 2 फीसदी तो किसी फसल पर किसान 5 फीसदी प्रीमियम भरता है। नुकसान होने पर बीमा का पूरा लाभ किसान को मिलता है। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार प्रीमियम का 95 फीसदी हिस्सा खुद वहन करती है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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