वैध टिकट वाले रेल यात्री ही दुर्घटना होने पर मुआवजे के अधिकारी

Only railway passengers with valid tickets are entitled to compensation in case of accident.
वैध टिकट वाले रेल यात्री ही दुर्घटना होने पर मुआवजे के अधिकारी
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा  वैध टिकट वाले रेल यात्री ही दुर्घटना होने पर मुआवजे के अधिकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वैध टिकट व पास के आधार पर ही ट्रेन में सफर करनेवालों को प्रमाणिक यात्री माना जाएगा। रेलवे से दुर्घटना की स्थिति में सिर्फ ऐसे यात्री के मुआवजे के दावे पर विचार किया जा सकता है। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में यह बात स्पष्ट की है। मामला 46 वर्षीय हरीलाल गुप्ता से जुड़ा है। विक्रोली में मेडिकल स्टोर चलानेवाले गुप्ता ने 28 अप्रैल 2013 को टिटवाला में गणेश भगवान के दर्शन के लिए विक्रोली से लोकल ट्रेन पकड़ी थी किंतु जब वे वहां से वापस लौट रहे थे तो आंबिवली के पास उनकी ट्रेन से गिरने के चलते मौत हो गई थी। 

गुप्ता की पत्नी व बच्चों ने चार लाख रुपए मुआवजे की मांग को लेकर रेलवे एक्सिडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल के पास दावा दायर किया। किंतु ट्रिब्यूनल ने गुप्ता को प्रमाणिक यात्री मानने से इनकार कर दिया। क्योंकि उनके पास रेलवे का टिकट नहीं मिला था। ट्रिब्यूनल के आदेश को गुप्ता की पत्नी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने गुप्ता की पत्नी ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में दावा किया गया था कि गुप्ता का शव उठाते वक्त उनका टिकट गिर गया होगा। याचिका में गुप्ता की मौत को एक अप्रिय घटना होने के दावा करते हुए रेलवे को मुआवजा देने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका के मुताबिक गुप्ता ने ट्रेन की टिकट खरीदकर यात्रा की थी। जबकि रेलवे ने दावा किया था कि गुप्ता की मौत उसकी लापरवाही से पटरी पार करते समय एक ट्रेन से टकराने के चलते हुई है। इसके साथ ही गुप्ता के पास वैध टिकट भी नहीं मिला था। 

न्यायमूर्ति डागरे ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा कि पुलिस ने गुप्ता के पास से उनका टूटा फोन, चाभी व नकद रुपए बरामद किए हैं। ऐसे में यदि उनके पास टिकट होता तो वह भी पुलिस को मिलता। महज अनुमान के आधार पर नहीं माना जा सकता है कि मृतक के पास टिकट था। इसके अलावा गुप्ता कभी-कभी टिटवाला जाते थे। वे नियमित यात्री नहीं थे। नियमानुसार सिर्फ प्रमाणिक यात्री ही दुर्घटना की स्थित में मुआवजे के लिए दावा कर सकता है। इस मामले में वैध टिकट के अभाव में याचिकाकर्ता के पति को प्रमाणिक यात्री नहीं माना जा सकता है। इस तरह से न्यायमूर्ति ने रेलवे ट्रिब्यूनल के आदेश को कायम रखा को याचिका को खारिज कर दिया।
 

Created On :   11 Jun 2022 6:08 PM IST

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