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शिक्षा व शोध में महिलाओं को मिले अवसर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति (एसटीआईपी)-2020 को एक पोषित पारिस्थिति का तंत्र बनाने के लिए तैयार किया गया है। विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा और शोध में समान अवसर महिलाओं को प्रदान किए जाने चाहिए। यह बात भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलुरु के उच्च ऊर्जा भौतिकी केंद्र की मानद प्राध्यापक पद्मश्री प्राध्यापक रोहिणी गोडबोले ने कही। सीएसआईआर-राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-नीरी) ने सीएसआईआर का स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री प्रो. रोहिणी गोडबोले बोल रही थी। विशेष अतिथि के रूप में रक्षा प्रौद्योगिकीविद् व ग्रीन-टेक सलाहकार पद्मश्री प्राध्यापक अमिताव मलिक उपस्थित थे। सीएसआईआर-नीरी के निदेशक डॉ. अतुल वैद्य, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक प्रकाश कुंभारे उपस्थित थे।
भारत को दीर्घकालिक ऊर्जा नीतियों की आवश्यकता
‘इंडिया एट 75 - ऊर्जा और पर्यावरण चुनौतियां" विषय पर प्रो. मलिक ने कहा कि भारत को दीर्घकालिक ऊर्जा नीतियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। डॉ. अतुल वैद्य ने बताया कि सीएसआईआर ने अपने 81वें स्थापना दिवस पर सीएसआईआर के पुनरुद्धार के लिए 10 सूत्री कार्यक्रम तैयार किया है। संचालन वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शालिनी ध्यानी ने किया। सुरक्षित पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए डेटा प्रबंधन के लिए एसएएफआरए और डब्ल्यूडीएस पोर्टल लॉन्च किया। साथ ही ‘हैंडबुक ऑन वाटर एंड वेस्टवाटर एनालिसिस" का विमोचन भी किया गया। 25 वर्ष की सेवा करने वाले व दो साल में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों व अधिकारियों को सम्मानित किया गया। विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। रिसर्च स्कॉलर्स उड़ान 2022 पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार दिए गए। स्थापना दिवस पर नागपुर समेत विदर्भ की 36 स्कूलों और कॉलेजों के 2169 छात्रों ने संस्थान का दौरा किया।
Created On :   30 Sept 2022 4:19 PM IST