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हंसते-हंसते आमने-सामने आ गए सत्तापक्ष और विपक्ष, बगैर चर्चा के पारित हुई पूरक मांगे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानमंडल के शीतकालिन सत्र के दौरन आरक्षण को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई दिनों से घमासान मचा हआ है। मंगलवार को विधानपरिषद के सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्य विधानभवन की सीढ़ियों पर नारेबाजी करते एक दूसरे के सामने आ गए पर इस दौरान दोनों पक्षों के सदस्यों के चेहरों पर जिस तरह हंसी बिखर रही थी, उसे देखते हुए समझा जा सकता है कि आंदोलन को लेकर दोनों पक्ष किस कदर गंभीर हैं। मराठा, धनगर व मस्लिम आरक्षण को लेकर विधान परिषद में हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर में दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
इसके बाद सत्ता पक्ष के विधायक विधानभवन के मुख्य द्वार की सीढियों पर बैठ कर विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। तब तक विप में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे सहित विपक्ष के विधायक भी वहां पहुंच गए और सत्ता पक्ष के सदस्यों के जवाब में नारेबाजी करने लगे। एक बार एेसा लगा कि दोनों पक्ष आपस में भिड़ जाएंगे लेकिन उनके चेहरों की हंसी देख कर लोगों को समझ आ गया कि सारा मामला मिलीभगत का है।
बगैर चर्चा के पारित हुई पूरक मांगे
प्रदेश सरकार की तरफ से शीतकालीन सत्र में पेश साल 2018-19 की पूरक मांग को विधान परिषद में बिना किसी चर्चा के मंजूर पारित कर दिया गय। मंगलवार को सूखे और आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच सदन में सभापति रामराजे निंबालकर ने पूरक मांग मंजूर करने की घोषणा की। इससे पहले विधान सभा में सोमवार को सरकार ने 20 हजार 326 करोड़ रुपए पूरक मांग के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया था।
Created On :   27 Nov 2018 9:10 PM IST