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राजस्व घाटे पर भड़का विपक्ष, कांग्रेस ने कहा- आर्थिक दीवालियापन की कगार पर राज्य

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार द्वारा पेश किए गए बजट की विपक्ष ने आलोचना की है। विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने बताया कि इस बजट से राज्य की जनता को कुछ नहीं मिला यह निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों में भारी असंतोष है अगले चुनाव में हार के डर के चलते वित्त मंत्री ने पहले 25 मिनट केवल किसानों पर केंद्रित रखा। लेकिन किसान इस तरह के बहकावे में नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को उचित हिस्सा नहीं दिया गया।
विखेपाटील ने कहा कि सौर कृषि वाहिनी योजना से किसानों को 12 घंटे बिजली देने का दावा किया जा रहा है लेकिन किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य ही नहीं मिलेगा तो इस बिजली का क्या उपयोग होगा। विखेपाटील के मुताबिक कृषि विकासदर और खाद्यान्न के उत्पादन में बड़ी गिरावट आई है। राज्य पर 42 हजार करोड़ कर्ज बढ़ गया है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि इन पैसों से किसका विकास हुआ। औद्योगिक विकास दर में भी 0.4 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। विखेपाटील ने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि युवाओं को प्रशिक्षण देगी लेकिन फिलहाल सभी 2 हजार 911 प्रशिक्षण संस्थाएं बंद पड़ी हुईं हैं।
आर्थिक दीवालियापन के करीब राज्य-अशोक चव्हाण
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने यह कहते हुए बजट की आलोचना की है कि इसमें आंकड़े न देकर जरूरी प्रावधान करने की बात बार-बार कह कर इसे महत्वहीन बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य को आर्थिक दीवालियापन के करीब लाकर खड़ा कर दिया है। चव्हाण के मुताबिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट से राज्य के खस्ताहाल होने की जानकारी मिलती है। वित्तमंत्री द्वारा पेश किए गए घाटे के बजट से इस पर मुहर लग गई है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों पर 50 फीसदी से भी कम निधी खर्च की गई है।
दिशाहीन और भ्रमित करने वाला बजट-दिलीप वलसे पाटील
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ राकांपा नेता दिलीप वलसे पाटील ने बजट को दिशाहीन और भ्रमित करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि 15 हजार करोड़ का घाटा राज्य की नाजुक हालत दिखा रहा है। बजट के जरिए सरकार किसानों और जनता को भ्रमित कर रही है।
निराशाजनक बजट-जयंत पाटील
पूर्व वित्तमंत्री जयंत पाटील ने बजट को निराशाजनक और कल्पना शून्य बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले तीन साल में एक लाख 19 हजार करोड़ का कर्ज लिया है। गृह विभाग के लिए 13 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है लेकिन दो लाख पुलिसकर्मियों के वेतन और दूसरे खर्चे इसमें से निकाल दें तो आधुनिकीकरण के लिए कुछ सौ रुपए ही बचेंगे।
इस बार झूठे ख्वाब भी नहीं दिखा सकी सरकार: धनंजय मुंडे
विधान परिषद में विरोधी पक्ष नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि इस बार आम जनता को सरकार सपने भी नहीं दिखा पाई। है। यह बजट लोगों को निराश करने वाला है। अगर सरकार के कामकाज में यही लापरवाही जारी रही तो बजटीय घाटा 15 हजार करोड़ से बढ़कर 45 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
Created On :   9 March 2018 8:09 PM IST