नागपुर महापौर के विदेश दौरे पर गर्माया सदन, जमकर हंगामा

opposition protest against nagpur mayor nanda jichkar for foreign tour
नागपुर महापौर के विदेश दौरे पर गर्माया सदन, जमकर हंगामा
नागपुर महापौर के विदेश दौरे पर गर्माया सदन, जमकर हंगामा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महापौर नंदा जिचकार द्वारा अपने पुत्र को पीए बनाकर विदेश दौरे पर ले जाने का मामला सोमवार को मनपा सदन में खूब गर्माया। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए मनपा सभागृह में जोरदार हंगामा किया। वेल में उतरकर महापौर पर पद और सत्ता का दुरुपयोग करने, बचाव में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफे देने की मांग की गई। महापौर हटाओ के नारे लगाए। भारी हंगामे को देखते हुए सत्तापक्ष सदस्य भी वेल में उतर आए। उन्होंने महापौर का बचाव करते हुए महापौर आगे बढ़ो का नारा दिया। इस हंगामे के बीच सभा का कामकाज पहले 10 मिनट स्थगित किया गया। लेकिन दोबारा सभा शुरू होने के बाद भी हंगामा नहीं थमा तो महापौर व पीठासीन अधिकारी जिचकार ने हंगामें के बीच सभी महत्वपूर्ण विषयों को मंजूरी देते हुए सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

महल स्थित टाऊन हॉल में सोमवार को मनपा की आमसभा हुई। विपक्ष ने सभा शुरू होने के पहले महापौर के विदेश दौरे को लेकर सभागृह को स्थगन प्रस्ताव दिया था। ऐसे में सभा शुरू होते ही विपक्ष ने महापौर के इस्तीफे की मांग की। किन्तु सत्तापक्ष ने प्रश्नोत्तर के बाद स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा का भरोसा दिया। इस बीच प्रश्नोत्तर शुरू हुए। हालांकि प्रश्नोत्तर खत्म होने के कुछ देर पहले विपक्ष ने फिर महापौर के इस्तीफे की मांग उछाल दी। इस दौरान कांग्रेस के कुछ नगरसेवक निषेध के फलक लेकर सभागृह में घुस गए। जिसपर सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी, प्रवीण दटके ने आपत्ति जताते हुए बाहर निकालने की कार्रवाई की मांग की। 

दयाशंकर तिवारी ने नियमों का हवाला देते हुए आपत्तिजनक वस्तु सभागृह में लाने पर कार्रवाई करने को कहा। हालांकि विपक्ष की ओर से संदीप सहारे ने कहा कि आपत्तिजनक वस्तु यानी क्या, यह स्पष्ट करने को कहा। जिसके बाद तानाजी वनवे ने सीधे महापौर से इस्तीफे की मांग की। इस दौरान कांग्रेस के सभी सदस्य वेल में पहुंच गए। महापौर के सामने नारेबाजी कर हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्यों का जमावड़ा देख सत्तापक्ष सदस्य भी महापौर के बचाव के लिए वेल में उतर आए। जिसके बाद 10 मिनट के लिए सभा का कामकाज रोका गया। किन्तु दोबारा कार्यवाही शुरू होने के बाद भी हंगामा नहीं थमा। इस बीच हंगामे के बीच विषयों को मंजूरी देकर कामकाज अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी के महापौर के इस्तीफे को लेकर विपक्ष द्वारा दिए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने की हमारी पूरी तैयारी थी। प्रश्नोत्तर के बाद चर्चा करने का विपक्ष को भरोसा दिया गया था। लेकिन उन्हें चर्चा नहीं चाहिए थी। हंगामा कर चर्चा से बचने की कोशिश की। लेकिन हंगामे के बीच दुर्बल घटक समिति के लिए अपने सदस्यों के नाम जरूर दिए। जिसकारण उनका दोगलापन भी उजागर हुआ।

विरोधी पक्ष नेता तानाजी वनवे के मुताबिक विदेश दौरे पर बेटे को पीए बनाकर ले गए। दोबारा मौका मिलने पर फिर से बेटे को ले जाने की भाषा उन्होंने मीडिया में बोलकर दिखाई। उनकी यह तानाशाही है। स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग हमने की थी। उन्हें चर्चा नहीं करनी थी। बहुमत के आधार पर हंगामे के बीच विषय मंजूर किए गए। लोकतांत्रिक प्रथा परंपराओं को भाजपा तोड़ रही है। ऐसे में पता चलता है कि उन्हें लोकतांत्रिक व्यवस्था मान्य नहीं है।

Created On :   24 Sep 2018 6:15 PM GMT

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