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ग्रामसेवकों की भूमिका जांचने के आदेश

डिजिटल डेस्क, अमरावती। जिले की अचलपुर, चांदुर बाजार व भातकुली तहसीलों में वर्ष 2015 से वर्ष 2019 के दौरान मनरेगा के अंतर्गत सामाजिक वनीकरण अभियान में लगाए गए पेड़ों को संरक्षण प्राप्त होने के बावजूद स्थानीय माफियाओं द्वारा इनकी कटाई की गई । मनरेगा के तहत जो क्षेत्र विकसित किया गया था, उसे जमकर नुकसान पहुंचाया गया। इसको लेकर अमरावती जिला परिषद व जिलाधीश कार्यालय में काफी होहल्ला भी देखा गया था। आखिरकार अब जिला रोहयो अधिकारी राम लंके ने इस पूरे मामले में तत्कालीन ग्रामसेवकों की भूमिका जांचे जाने के आदेश दिए है।
जिला परिषद के सदस्यों तथा पर्यावरण के लिए काम करनेवाली संस्थाओं की ओर से प्रशासन को लिखित शिकायत दी गई थी कि अचलपुर के अलग-अलग ग्रामपंचायतों में चार वर्षो के भितर लगाए गए करीब 63 हजार पेडों में से लगभग 20 हजार से अधिक पेडों की माफियाओं द्वारा कटाई गई है। प्राथमिक जांच में मनरेगा के तहत लगाए पेड़ों की कटाई की पुष्टि होने के बाद जिप प्रशासन की रिपोर्ट को आधार मानते हुए जिला रोहिओ अधिकारी ने कुल 28 ग्रामसेवकों की भूमिका को जांचे जाने के आदेश दिए हंै। इसके साथ ही अलग-अलग समय पर ग्रामपंचायतों में सरपंच पद की जिम्मेदारी संभालनेवाले सदस्यो पर भी संदेह व्यक्त किया गया है। प्रशासन के अनुसार इन पेड़ों को लगाने तथा इनके संरक्षण पर करीब 3 करोड़ 81 लाख रुपए की निधि खर्च की गई थी। काफी रखरखाव के बाद इन पेड़ों को जीवित रखने में सफलता मिली थी।
Created On :   25 Dec 2021 6:16 PM IST