हांगकांग की कंपनी को 100 करोड़ अदा करने के आदेश

Order to pay 100 crores to Hong Kong company
हांगकांग की कंपनी को 100 करोड़ अदा करने के आदेश
उद्योगपति को झटका हांगकांग की कंपनी को 100 करोड़ अदा करने के आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शहर के उद्योगपति अरुण उपाध्याय को देश की सर्वोच्च अदालत से झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय  ने इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के उस फैसले को कायम रखा है, जिसके तहत  ट्रिब्यूनल ने उपाध्याय और उनकी कंपनी जेमिनी बे ट्रांसस्क्रिप्शन प्राइवेट लिमिटेड को आदेश दिए थे कि वे करीब 100 करोड़ रुपए का मुआवजा हांगकांग की इंटिग्रेटेड सेल्स सर्विसेज (आईएसएस) को अदा करें ।

यह है पूरा मामला
वर्ष 2000 में  उपाध्याय की कंपनी ने आईएसएस के साथ करार किया था, जिसके तहत आईएसएस उपाध्याय  की कंपनी के लिए कमीशन बेसिस पर काम करने वाली थी। आगे चल कर दोनों संस्थाओं में कमीशन को लेकर ठन गई। आईएसएस ने उपाध्याय की कंपनी के खिलाफ  इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल की शरण ली थी।  ट्रिब्यूनल ने आईएसएस के पक्ष में फैसला देते हुए वर्ष 2010 में अपना आदेश जारी किया था, जिसके तहत उपाध्याय की कंपनी को दोषी करार िदया गया था।  

ट्रिब्यूनल के आदेश को लागू करने के लिए आईएसएस ने नागपुर जिला न्यायालय में याचिका दायर की। जिला न्यायालय ने भी उपाध्याय की कंपनी को रकम का भुगतान करने के आदेश दिए। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी इस आदेश को कायम रखा। ऐसे में उपाध्याय और उनकी कंपनी जेमिनी बे ट्रांसस्क्रिप्ट लिमिटेड ने इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल के आदेश को कायम रखा। भास्कर से बातचीत में अरुण उपाध्याय ने कहा कि वे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, न्यायालय के फैसले के अनुसार वे आगे की प्रक्रिया पूरी करेंगे।।

Created On :   11 Aug 2021 9:55 AM IST

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