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सोशल मीडिया पर उमड़ी नाराजगी, भाजपा नेता धरने पर बैठे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर सोशल मीडिया पर एक व्यंग्य चित्र पोस्ट करने के चलते नौ सेना के एक सेवानिवृत्ति अधिकारी की पिटाई के मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। शनिवार को विधानपरिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर व भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने एसीपी ऑफिस के सामने धरना दिया।भाजपा नेताओं ने कहा कि सत्ता के नशे में शिवसेना ने गुंडाराज शुरु कर दिया है।इस मामले में पुलिस की भूमिका भी इस प्रकरण में संदिग्ध लग रही है। दरेकर ने कहा कि नौ सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी मदन शर्मा पर हमला करनेवालों ने उनकी बड़ी बेरहमी से पिटाई की है। इसमें उनकी आंख पर गंभीर चोट आयी है। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी है। फिर भी आरोपियों को गिरफ्तार होते ही जमानत मिल गई है। इसका अर्थ है इस मामले में ठाकरे सरकार की भूमिका संदेहास्पद है। इसका पर्दाफाश किए बिना हम चुप नहीं रहेंगे।
इससे पहले मामले से जुड़े आरोपियों पर कड़ी धराए लगाए जाने व कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर श्री दरेकर,भारतीय जनता पार्टी के मुंबई अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा व विधायक अतुल भातखलकर के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर आंदोलन किया गया। इस दौरान ठाकरे सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई। आंदोलन के बाद श्री दरेकर ने इस प्रकरण को लेकर गृहमंत्री अनिल देशमुख से फोन पर चर्चा की। इस दौरान गृहमंत्री ने उन्हें कडी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।इसके बाद श्री दरेकर ने संयुक्त पुलिस आयुक्त विश्वास नागरे पाटील से मुलाकात कर मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। श्री दरेकर ने कहा कि यदि मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो भाजपा उग्र आंदोलन करेंगी। कांदिवली के ठाकुर कॉम्प्लेक्स इलाके में रहने वाले श्री शर्मा ने एक आपत्तिजनक व्यंग चित्र पोस्ट किया था। इससे नाराज शिवसैनिकों ने शर्मा की बेरहमी से पिटाई की थी। इस दौरान उनके आंखों में गंभीर चोट आयी है।मालाड के संजीवनी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। जहां सुबह श्री दरेकर ने उनसे मुलाकात कर उनका हाल चाल लिया।
माफी मांगे मुख्यमंत्रीः भातखलकर
भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह शिवसेना कार्यकर्ताओं ने एक पूर्व सैन्य अधिकारी के साथ मारपीट की है, उसे देखते हुए मुख्यमंत्री को सेना के तमाम जवानों और महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से केवल कार्रवाई की नाटक किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेद्र फडणवीस ने भी ट्विट कर इस बात आश्चर्य जताया कि आरोपियों को तुरंत कैसे छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि इसके पहले मैंने महाराष्ट्र में ऐसा माहौल नहीं देखा था।
रक्षामंत्री ने शर्मा से की बात
इस बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शिवसेना कार्यकर्ताओं के हमले के शिकार हुए पूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा से बात की। सिंह ने ट्विट कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दास्त करने लायक नहीं है।
शिवसेना शुरु से गुंडापार्टीः निरुपम
इस मामले में कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने कहा है कि सेना के पूर्व अधिकारी मदन शर्मा की पिटाई सरकार समर्थित गुंडागर्दी है और प्रकरण से जुड़े आरोपियों को अभयदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना का तथाकथित राष्ट्रवाद व हिंदुत्ववाद सबके सामने आ चुका है। शिवसेना के सांसद रहे निरुपम ने कहा कि शिवसेना शुरु से गुंडा पार्टी रही है वह बिल्कुल भी नहीं बदली है।
शिवसेना कार्यकर्ताओं को मिली जमानत
मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर बने एक कार्टून को सोशल मीडिया पर साझा करने के चलते नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी से मारपीट करने के मामले में आरोपी शिवसेना के छह कार्यकर्ताओं को जमानत दे दी है। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया था। किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप से इनकार करते हुए संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटिल ने कहा कि कोविड-19 स्थिति के मद्देनजर आरोपियों को जमानत दी गई है।
सेवानिवृत्त अधिकारी मदन शर्मा (62) पर शुक्रवार को हुए हमले की एक वीडियो भाजपा के स्थानीय विधायक अतुल भातखलकर ने ट्विटर पर पोस्ट की थी जिसके बाद छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। कांदिवली पुलिस थाने में शिवसेना के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक आईपीसी की धारा 325 के तहत कल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। कोविड-19 स्थिति के मद्देनजर उन्हें जमानत दी गई है। इसमें कोई राजनीतिक दबाव नहीं था। अधिकारी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस मामले में धारा 326 लगाया जा सकता है क्योंकि इस धारा को धारदार हथियारों के इस्तेमाल के लिए लगाया जाता है।
विधायक अतुल भातखलकर ने कहा है कि सेना के पूर्व अधिकारी मदन शर्मा के मामले में कार्रवाई के नाम पर लीपापोती की गई है। इसलिए इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व शिवसेना को सेना के जवानों माफी मांगनी चाहिए। इस मामले में आरोपियों पर गैर जमानती धराए लगनी चाहिए थी लेकिन हल्की धराए लगाई गई। जिससे आरोपियों को आसानी से जमानत मिल गई।
Created On :   12 Sept 2020 7:46 PM IST