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एमएसएमई के अनुदान से तैयार होगा ऑक्सीजन प्लांट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना महामारी के इस दौर मंे कई रंग देखने को मिल रहे हैं। बेड, ऑक्सीजन, दवाएं आदि का टोटा होने से लोगों का समय पर उपचार नहीं हाे पा रहा है। लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। इस बीच विदर्भ के लिए दो राहतभरी खबरें हैं। वर्धा में गुरुवार को रेमडेसिविर का उत्पादन प्रारंभ हुआ है। ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट के लिए केंद्रीय सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई) द्वारा 70 फीसदी अनुदान दिया जाएगा।
क्लस्टर डेवलपमेंट योजना से होगा काम
विदर्भ में ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट तैयार करने के लिए केंद्रीय सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय द्वारा 70 फीसदी अनुदान दिया जाने वाला है। सूत्रों के अनुसार यह प्रयोग सफल होने पर देश के अन्य हिस्सों में भी इसकी शुरुआत की जा सकती है। हाल ही में एमएसएमई के क्लस्टर डेवलपमेंट योजना के अंतर्गत ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने को लेकर हॉस्पिटल एसोसिएशन के पदाधिकारी व एमएसएमई के अधिकारी के बीच बैठक हुई है।
70 प्रतिशत राशि देगी एमएसएमई
विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन के 100 से अधिक सदस्य हैं। एसोसिएशन के सभी निजी अस्पताल पंजीकृत हैं। कोरोनाकाल के दौरान इन अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ रहा है। बैठक में एमएसएमई के क्लस्टर डेवलपमेंट योजना के अंतर्गत ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने पर विचार किया गया। इसके लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित करने की संभावना पर भी चर्चा हुई। नागपुर में यह हॉस्पिटल सेवा उपक्रम अंतर्गत एमएसएमई नियम के अनुसार पंजीकृत है। योजना के अंतर्गत 10 करोड़ रुपए खर्च कर 1700 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने पर चर्चा की गई। प्लांट की आवश्यकता के अनुसार निजी अस्पतालों ने खर्च की 30 प्रतिशत तक राशि देने की तैयारी दिखाई है। बाकी 70 प्रतिशत राशि एमएसएमई अनुदान के रूप में देगी।
जमीन की तलाश
इस योजना का प्रारूप तैयार कर मंत्रालय को भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद नागपुर में ऑक्सीजन उत्पादन का नया अध्याय शुरू हो जाएगा। कॉमन फैसिलिटी सेंटर के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। बता दे कि कोरोना की पहली लहर के दौरान एमएसएमई ने पीपीई किट विकसित की थी। इसकी आपूर्ति सरकार को की गई थी।
Created On :   7 May 2021 2:20 PM IST