अंग तस्करी संदेह दूर करने के लिए पारदर्शी किट में शवों को करें पैक

Pack dead bodies in transparent kit to remove organ trafficking suspicion
अंग तस्करी संदेह दूर करने के लिए पारदर्शी किट में शवों को करें पैक
अंग तस्करी संदेह दूर करने के लिए पारदर्शी किट में शवों को करें पैक

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शहर में कोरोना के कारण बढ़ रहीं मौतों के बीच सोशल मीडिया और आमजनों में तरह-तरह की चर्चाओं का माहौल है। बीते दिनों कोरोना मरीज के शव पर जगह-जगह घाव दिखने की तस्वीरें वायरल हो गई थीं। हवा उड़ी कि कोरोना मरीजों के अंगों की तस्करी हो रही है। 

शहर के विविध सामजिक संस्थाओं से जुड़े समाजसेवकों ने इस मुद्दे को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के सामने उठाया है। अंजू छाबरानी समेत 7 लोगों ने हाईकोर्ट में मध्यस्थी अर्जी दायर की है। इसमें कोर्ट से विनती की गई है कि उनकी अर्जी को कोरोना महामारी पर केंद्रित जुड़ी सू-मोटो जनहित याचिका में उनका पक्ष भी सुना जाए। समूह ने अपने वकील एड.एम.अनिल कुमार के माध्यम कोर्ट में कोरोना इलाज की सुविधाएं बेहतर करने के सुझाव दिए हैं। इसमें मुख्य सुझाव यह है कि कोरोना मृतकों को फौरन वार्ड से निकाल कर एक अलग शव विच्छेदन गृह में रखा जाए। जब उनका शरीर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को दिया जाता है, तो पारदर्शी पैकिंग होनी चाहिए। ताकि परिजनों के मन में यह संदेह न हो कि मृतक के अंग निकाले गए हैं।

संगठन ने मनपा आयुक्त व अन्य प्रशासनिक स्तरों पर भी ऐसे कई सुझाव दिए हैं। इसमे सुझाव है कि गंभीर मरीजों को बेड उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन सेंट्रलाइज प्रक्रिया विकसित की जाए। इससे बगैर किसी परेशानी के मरीजों को बेड मिल सके। अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की स्थिति परिजन जान सकें, इसलिए वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। वार्ड के अंदर बेड पर्दों से ढ़के हों, ताकि वहां भर्ती अन्य गंभीर मरीजों या मृतकों को ना देखना पड़े। निजी एंबुलेंस के रेट सरकार तय करे। ऑक्सीजनेटेड बेड की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण रखा जाए। समूह की अर्जी पर जल्द ही कोर्ट में सुनवाई होगी।

Created On :   14 Sep 2020 7:34 AM GMT

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