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नागपुर में बाल रोग विशेषज्ञों की कमी, प्रशासन डाक्टरों की खोज में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। तीसरी लहर को लेकर जताई जा रही आशंका को देखते हुए उपराजधानी में जिला परिषद अंतर्गत ग्रामीण भाग के प्राथमिक आरोग्य केंद्र (पीएचसी) में बच्चों के लिए चाइल्ड कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) तैयार करने की योजना है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसमें ठेका पद्धति पर डॉक्टर सहित, परिचारिकाएं, पैरामेडिकल स्टाफ आदि की भर्ती के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विज्ञापन निकाले, लेकिन बाल रोग विशेषज्ञ यानी पीडियाट्रिक डॉक्टर मिले ही नहीं। अब स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की खोज में लगा हुआ है।
एमबीबीएस नहीं कर रहे आवेदन
जिले की सभी 13 तहसीलों में एक प्राथमिक अरोग्य केंद्र में 10 बेड का चाइल्ड कोविड केयर सेंटर बनाने की जिला परिषद की योजना है। जिप के इस उपक्रम की उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी सराहना की है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने आवश्यक मेडिकल उपकरणों के लिए 7 करोड़ से अधिक की निविदाएं जारी की हैं। इसके अलावा बच्चों के इलाज के लिए आवश्यक बाल रोग विशेषज्ञ (पीडियाट्रिक), परिचारिकाएं, पैरामेडिकल स्टाफ की ठेका पद्धति पर भर्ती के लिए आवेदन मंगाए थे। बीएएमएस, बीडीएस डॉक्टर, औषध निर्माण अधिकारी, ऑफिसर, नर्स और अधीक्षक के पद के लिए सैकड़ों आवेदन प्राप्त हुए, लेकिन किसी बाल रोग विशेषज्ञ एमबीबीएस ने आवेदन नहीं किया। अच्छा मानधन देने की बात भी उन्हें नहीं लुभा सकी। इसलिए स्वास्थ्य विभाग जल्द ही एक और विज्ञापन प्रकाशित करने वाला है।
इतने लोगों की है जरूरत
ग्रामीण के प्रत्येक पीएचसी केंद्र में 10 बेड के साथ 130 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाने की योजना है। इसमें 20 बेड के लिए सामान्यत: 3 परिचारिकाएं, 2 बालरोग विशेषज्ञ एमबीबीएस और 2 बीएएमएस की आवश्यकता है।
Created On :   5 July 2021 9:51 AM IST