पाताकलकोट, नौराहिल और अमरकंटक  घोषित होंगे जैव विविधता विरासत स्थल

पाताकलकोट, नौराहिल और अमरकंटक  घोषित होंगे जैव विविधता विरासत स्थल
पाताकलकोट, नौराहिल और अमरकंटक  घोषित होंगे जैव विविधता विरासत स्थल

डिजिटल डेस्क, भोपाल। छिन्दवाड़ा जिले का पातालकोट, सतना जिले की नौराहिल और अनूपपुर जिले का अमरकंटक जैव विविधता विरासत स्थल घोषित होगा। वनोषधियों से भरपुर पातालकोट और नौराहिल का दस्तावेजीकरण पूर्ण कर उसे राज्य शासन के पास भेज दिया गया है जबकि तीन नदियों वाले अमरकंटक के लिये संबंधित जिले से अभिमत लिया जा रहा है। इसमें भारत सरकार का भी अभिमत शामिल होगा तथा इसके बाद तीनों को नोटिफिकेशन के जरिये विरासत स्थल घोषित किया जायेगा। विरासत स्थल घोषित होने पर इन तीनो स्थलों पर जैवविविधता का संरक्षण एवं दोहन हो सकेगा। जैव विविधता में गोंद, सफेद मूसली, सर्पगंधा, अश्वगंधा, गुड़मार, आंवला, मरोड़ फली, गुरबेल, लघु धान यानि माइनर मिलेट, कोदो, कुटकी, सांवा, रागी, कांगनी आदि उत्पाद शामिल होते हैं।

व्यापार हेतु अनुबंध के नये आदेश जारी हुये
प्रदेश में जैव विविधता उत्पादों के व्यापार एवं विनिर्माण हेतु वन विभाग ने नये आदेश जारी किये हैं। नये आदेश के अनुसार, राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव व्यापारियों एवं विनिर्माताओं से अनुबंध कर सक सकेंगे। जैव विविधता उत्पादों के व्यापार पर बोर्ड एक प्रतिशत शुल्क लगाता है जबकि विनिर्माता पर 5 प्रतिशत। गये साल उसे मात्र 30 लाख रुपयों की कुल आय इन अनुबंधों से हुई थी। चूंकि बोर्ड के पास कोई अमला नहीं है, इसलिये अब व्यापारियों से अनुबंध हेतु समस्त क्षेत्रीय संभागीय वनमंडलाधिकारियों और पदेन सहायक सदस्य सचिव राज्य जैव विविधता बोर्ड को भी उनके क्षेत्राधिकार में प्राधिकृत कर दिया गया है जिससे बोर्ड की सालाना आय में इजाफा हो सके। राज्य सरकार ने उक्त नये आदेश में समस्त क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षकों को पदेन संयुक्त सदस्य सचिव एवं समस्त क्षेत्रीय वन संरक्षक/संभागीय वनमंडलाधिकारियों को पदेन सहायक सदस्य सचिव राज्य जैव विविधता बोर्ड भी घोषित किया है। 

इनका कहना है :

‘‘पातालकोट, नौराहिल औरी अमरकंटक को जैव विविधता विरासत स्थल घोषित करने की कार्यवाही चल रही है। 50 वनोषधियों को भी उनके संरक्षण, संवध्र्दन एवं व्यापार हेतु चिन्हित किया गया है तथा इन्हें शीघ्र विधिवत रुप से नोटिफाई किया जायेगा। बाबा रामदेव की पतंजलि, हिमालय आदि बड़ी आयुर्वेद दवा निर्माता कंपनियां हमसे अनुबंध करती हैं। - श्रीनिवास मूर्ति, सदस्य सचिव, मप्र राज्य जैव विविधता बोर्ड, भोपाल

Created On :   28 Sep 2018 5:33 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story