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ईमानदारी की सजा : सचिव 4 बार निलंबित, नहीं मिल रहा वेतन

डिजिटल डेस्क, मंडला। पंचायती राज लागू होने के बाद ऐसे सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें ग्राम पंचायत के सचिव मालामाल है। गाड़ी-बंगला और हर तरह की सुख सुविधा उनके पास है, लेकिन नारायणगंज जनपद का एक ईमानदार सचिव झोपड़ी में गुजर बसर कर रहा है। इसकी ईमानदारी का सिला प्रशासन ने खूब दिया है। अब तक चार बार निलंबित हो चुका है और 11 माह से वेतन नहीं मिल रहा है।
जानकारी के मुताबिक वीरेन्द्र सिंह बर्मन पिता फूल सिंह बरमन ग्राम पंचायत कूम्हा निवासी है। सचिव की मूल पदस्थापना कूम्हा में है। इसकी ईमानदारी और देश भक्ति के कारण इसे लोग भगत सिंह के नाम से पुकारते है लेकिन सचिव को घास, पूस और पन्नी की झोपड़ी में गुजर बसर करना पड़ रहा है। ईमानदारी के चलते सचिव के पास गाड़ी, मोबाईल की भी सुविधा नहीं है।
इसकी ईमानदारी का सिला प्रशासन पिछले दस सालों से दे रहा है। वर्ष 2007 में सचिव वीरेन्द्र सिंह ने नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था। इसके स्थान पर धनवीर सिंह उइके की पदस्थापना कर दी गई। फर्जी मार्कशीट होने के बावजूद धनवीर को सचिव का पद मिल गया लेकिन वीरेन्द्र बर्मन को चक्कर काटने पड़े। यहां अपर कलेक्टर न्यायालय से वर्ष 2009 में ईमानदारी की जीत हुई और वीरेन्द्र को सचिव का पद दिया गया। इसके बाद से लगातार जनपद स्तर से वीरेन्द्र को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
जनपद सीईओ ने किया निलंबित
ईमानदार सचिव को अब तक चार बार निलंबन का सामना करना पड़ा है। ग्राम पंचायत कूम्हा, परतला, पदमी में सचिव निलंबित किया गया है।आरोप है कि चारो बार फर्जी जांच में निलंबन हुआ है। अभी भी सचिव निलंबित है और जनपद कार्यालय में अटैच है। शिकायत के बाद जांच कराकर जनपद सीईओ जिला पंचायत सीईओ के पास जांच प्रतिवेदन भेजता है जिसके बाद कार्रवाई होती है लेकिन वर्ष 2012 में यहां वीरेन्द्र को तत्कालीन जनपद सीईओ ने ही निलंबित कर दिया। सचिव के आरोप है कि पीसीओ मोहन परस्ते द्वारा फर्जी तरीके से निलंबन कराया गया है।
बाइक खरीदी वो भी गई
सचिव वीरेन्द्र ने वर्ष 2016 में बाईक खरीदी थी। जिससे वह पंचायत के काम कर सके लेकिन ईमानदार होने के कारण वह बाईक की किश्त भी समय पर नहीं चुका पाया। यहां पंचायत से वेतन न दिये जाने के कारण बाईक की किश्त नहीं दी गई। जिससे कंपनी बाईक भी ले गई। आलम यह है कि सचिव के पास मंडला आने का किराया तक नहीं है। जिससे वह बस से आ जा सके।
नहीं मिल रहा एरियर और वेतन
सचिव को पिछले एक साल से वेतन नहीं मिला है। निलंबन अवधि का भी वेतन नहीं दिया जा रहा है। दिसंबर 2015, अप्रैल 2016, मई 2016, जून 2016, दिसंबर 2016 से जून 2017 तक का वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा एरियर्स की राशि का भी भुगतान नहीं हो रहा है। जिसके कारण सचिव के बच्चों की पढ़ाई तक प्रभावित हो रही है। बच्चों को किताब, बैग और यूनिफार्म खरीदने तक के पैसे नहीं है।
अब करेगा आंदोलन
पिछले दस साल से संघर्ष कर रहा सचिव हार मानने को तैयार नहीं है। जब भी निलंबित किया गया सीएम तक गुहार लगाई। आखिकार तीन बार निलंबन वापस लेना पड़ा। वेतन नहीं देने को लेकर सचिव अब आंदोलन करेंगा। जिला प्रशासन को दिए गए आवेदन में साफ कहा कि तीन के अंदर वेतन नहीं दिया गया तो जनपद कार्यालय नारायणगंज के सामने परिवार समेत भूख हड़ताल शुरू कर देगा।
मंडला जिला कलेक्टर सुफिया फारूखी वली ने कहा कि सचिव समस्त दस्तावेज लेकर उपस्थित हो, दस्तावेज के आधार पर कुछ कहा जा सकेगा, अगर सचिव की शिकायत में सत्यता है तो संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Created On :   4 July 2017 8:49 PM IST