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अब दिव्यांगों के लिए बड़े फॉन्ट में छपेंगे प्रश्नपत्र, व्याकरण की गलतियां भी माफ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दिव्यांगता स्टूडेंट्स की पढ़ाई में बाधक न बने इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने दिव्यांग विद्यार्थियों को परीक्षा में विशेष सुविधाएं देने का एेलान किया है। सामान्य विद्यार्थियों से उलट पढ़ाई और परीक्षा में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए कई प्रकार की बाधाएं होती हैं। ऐसे में दृष्टिहीन, बधिर, कुष्ठरोग से ठीक हुए, भाषा या पढ़न दोष से पीड़ित, मानसक रूप से कमजोर, सिकलसेल, थैलेसिमिया और ऐसी अन्य 22 श्रेणियों के विद्यार्थियों को ये विशेष सुविधाएं मिलेंगी।
मुख्य रूप से विद्यार्थियों के लिए प्रश्नपत्र बड़े फाॅन्ट में छपेंगे। पर्चे में उन्हें ड्राइंग या नक्शा न बनाने की छूट होगी और यहां तक की उनकी व्याकरण की गलतियां भी माफ की जाएंगी। इन विद्यार्थियों को उनके घर के नजदीक का परीक्षा केंद्र दिया जाएगा, पेपर हल करने में 20 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। परीक्षा में 20 अंकों की सहुलत दी जाएगी। दृष्टिहीन विद्यार्थियों को परीक्षा में रायटर और टॉकिंग कैलकुलेटर, अंशत: दिव्यांगों के लिए बड़े फाॅन्ट की प्रश्नपत्रिका छपवाने, प्रैक्टिकल की जगह मौखिक परीक्षा देने, पेपर में नक्शे या ड्राइंग बनाने से छूट दी जाएगी।
वहीं परीक्षा में दिव्यांग विद्यार्थियों के बैठने के अनुकुल कुर्सी टेबल उपलब्ध कराने के निर्देश भी स्कूलों और कनिष्ठ महाविद्यालयों को दिए गए हैं। राज्य सरकार के अनुसार दिव्यांग विद्यार्थियों को ये सुविधाएं देना जरूरी है, ताकि सामान्य विद्यार्थियों के साथ वे कंधे से कंधा मिला कर शिक्षा ले सकें। अगर उन्हें इस तरह की सुविधाएं नहीं दी गई तो वे चुनौतियों से टूट कर अपनी पढ़ाई बंद कर सकते हैं। यह सुविधाएं कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को मिलेंगी।
Created On :   18 Oct 2018 5:02 PM IST