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जाति उत्पीड़न मामले में परमबीर सिंह को 2 दिसंबर तक मिली राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने जाति उत्पीड़न से जुड़े मामले में आरोपी परमवीर सिंह को राज्य सरकार के आश्वासन के तहत मिली राहत को दो दिसंबर 2021 तक बरकरार रखा। समयाभाव के चलते न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने सिंह की याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। इसके मद्देनजर खंडपीठ ने सिंह की याचिका पर सुनवाई 2 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी और उन्हें मिली राहत को अगली सुनवाई तक कायम रखा।
राज्य सरकार ने 24 मई 2021 को कोर्ट आश्वासन दिया था कि वह इस मामले में सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहींकरेंगी। जिसे समय-समय पर बढाया जाता रहा है। हाईकोर्ट में सिंह की ओर से इस मामले को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। अकोला में तैनात पुलिस अधिकारी बी.आर घाडगे ने सिंह के खिलाफ ठाणे पुलिस स्टेशन में जाति उत्पीड़न(एट्रासिटी) के आरोपों को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। घाडगे ने शिकायत में दावा किया है कि मैंने सिंह के एक मामले में आरोपियों का पक्ष लेनेवाले अवैध आदेश को मानने से इनकार कर दिया था। इसलिए मुझे झूठे मामले में फंसाया गया और जातिसूचक टिप्पणी की गई। इस बीच ठाणे पुलिस की मांग पर स्थानीय अदालत ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। सिंह बीते मई माह से लापता हैं। राज्य सरकार ने उनका वेतन भी रोक दिया है। सिंह के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर राज्य के तत्कालिन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाने के चलते देशमुख को अफने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
Created On :   30 Oct 2021 5:58 PM IST