बसों में बिना जांच-पड़ताल ड्राइवरों की मदद से भेजे जा रहे पार्सल

parcels are being sent from the ST buses without any investigation
बसों में बिना जांच-पड़ताल ड्राइवरों की मदद से भेजे जा रहे पार्सल
बसों में बिना जांच-पड़ताल ड्राइवरों की मदद से भेजे जा रहे पार्सल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसी भी तरह का कोई नियंत्रण नहीं रहने से एस टी बसों से बिना-जांच पड़ताल धड़ल्ले से पार्सल भेजे जा रहे हैं। यह पार्सल 50-100 रुपये के लिए ड्राइवर अपनी जिम्मेदारी पर लेकर जा रहे हैं। पार्सल की कोई जांच नहीं होती, केवल पार्सल भेजनेवाले से पता पूछा जाता है। यह हाल नागपुर के गणेशपेठ बस स्टैण्ड का है।  शिवशाही बसों ऐसा देखा जा रहा है। जिसका देखा-देखी लाल बसों के ड्राइवर भी ऐसा कर रहे हैं। ऐसे में इसमें किसी भी तरह का विस्फोटक एक जगह से दूसरी जगह भेजने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं शराब व गांजा तस्करी भी हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि  नागपुर गणेशपेठ बस स्टैण्ड से रोजाना बड़ी संख्या में बसों का आवागमन होता है। यहां से सौंसर, यवतमाल, पांढुर्णा, चंद्रपुर, औरंगाबाद, वर्धा, रायपुर, चंद्रपुर, पुणे, औरंगाबाद, शिवनी, इंदौर आदि शहरों की ओर शिवशाही व लाल बसें चलाई जाती है। शहर के छोटे व्यवसायी इन बसों के माध्यम से एक शहर से दूसरे शहर पार्सल बुक कर भेजते हैं। जिसे गाड़ी में रखा जाता है। प्रक्रिया के अनुसार एस टी प्रशासन किसी को एजेंसी देकर यह काम कराती है। एजेंसी पार्सल बुक कर पार्सलधारक को रिसीप्ट देती है। वहीं पार्सल की जांच-पड़ताल करने के बाद ही इसे भेजा जाता है। लेकिन गत 2 सप्ताह से इसे बंद किया गया है। ऐसे में यात्रियों की फजीहत हो रही है। अब बस ड्राइवरों ने इसकी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली  है। अवैध तरीके से पार्सल को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा रहा है।

ऐसे भेजा जाता है
जांच पड़ताल में पाया गया कि, किसी भी व्यक्ती को पार्सल भेजना है, तो वह सीधा बस ड्राइवर से बात करते हैं। ड्राइवर उसे पार्सल देख पहुंचाने की कीमत बताते हैं। कीमत देते ही ड्राइवर का नंबर लेकर पार्सल को बस में छोड़ा जाता है। उधर जहां पार्सल उतारना होता है, वहां किसी को ड्राइवर का मोबाइल नंबर, बस नंबर आदि दिया जाता है। बस गंतव्य तक पहुंचते ही पार्सल उतारा जाता है।

 प्राइवेट बसों में धड़ल्ले से चल रहा
कुछ मार्ग पर एस टी की  प्राइवेट तौर पर शिवशाही बसें चलाई जा रही है। इन बसों में पार्सल का गोरखधंधा शुरू है। बसों की पिछली डिक्की में भरकर पार्सल भेजे जाते हैं। जिसकी भनक तक किसी को नहीं लगती है। इनकी देखा-देखी अब लाल बसों के ड्राइवर भी पार्सल के गोरखधंधे में कूद पड़े हैं।

अमरावती के 70, काटोल के 60 
बुधवार को गणेशपेठ बस स्टैण्ड में कुछ बस चालकों से बातचीत करने पर उन्होंने पार्सल लेकर जाने की बात स्वीकारी । साथ ही अमरावती के 70 व काटोल के 60 रुपये देने के लिए कहा। पार्सल में क्या रहता है, इस बारे में उन्हें कोई-लेना देना नहीं था। इस संबंध में डेपो मैनेजर एस कुडे से बात करने की कोशिश की। लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

Created On :   14 Nov 2018 1:44 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story