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माता-पिता किसी रिश्तेदार को गोद दे सकते हैं अपना बच्चा

डिजिटल डेस्क, नागपुर । बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया आदेश में स्पष्ट किया गया है कि एक सामान्य जीवन जीने वाले बच्चे को भी उसके माता-पिता अपने किसी रिश्तेदार को गोद दे सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि केवल ऐसे बच्चे जो किसी प्रकार से संघर्षग्रस्त, आश्रित, मदद या देखभाल के पात्र, माता-पिता द्वारा ठुकराए हुए या अनाथ हो उन्हें ही गोद दिया जा सकता है। सामान्य रूप से माता-पिता के साथ रहने वाले बच्चे को भी रिश्तेदार को गोद दिया जा सकता है।
पुनर्विचार के आदेश : जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) एक्ट 2015 के प्रावधानों के तहत बच्चे को रिश्तेदारों को गोद देने की अनुमति है। इस निरीक्षण के साथ न्या.मनीष पितले की खंडपीठ ने यवतमाल जिला न्यायालय को मूल माता-पिता और गोद लेने वाले माता पिता की अर्जी पर पुनर्विचार करने के आदेश दिए हैं।
निचली अदालत ने याचिका ठुकरा दी थी : दरअसल, निचली अदालत ने संबंधित पालकों की याचिका को यह कह कर ठुकरा दिया था कि किसी भी बच्चे को तब ही गोद लिया जा सकता है, जब या तो बच्चा किसी प्रकार से संघर्षग्रस्त हो, आश्रित, मदद-देखभाल का पात्र या माता पिता द्वारा त्यागा या अनाथ हो। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। इस मामले में कोई प्रतिवादी न होने के कारण कोर्ट ने एड.फिरदौस मिर्जा को न्यायालयीन मित्र नियुक्त किया था। न्यायालयीन मित्र ने हाईकोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का हवाला देते हुए दलील दी थी कि अधिनियम में अपने रिश्तेदार को बच्चा गोद देने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में निचली अदालत को पालकों की अर्जी नहीं ठुकरानी चाहिए थी। इस मामले मंे सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पुनर्विचार करने के आदेश दिए हैं।
Created On :   2 July 2021 10:00 AM IST