पार्टी नेतृत्व को लगता है कि मैं गृहमंत्री बन जाऊंगा तो उनकी भी नहीं सुनूंगा - अजित 

Party leadership thinks that if I become Home Minister, I will not listen to them either - Ajit
पार्टी नेतृत्व को लगता है कि मैं गृहमंत्री बन जाऊंगा तो उनकी भी नहीं सुनूंगा - अजित 
मुंबई पार्टी नेतृत्व को लगता है कि मैं गृहमंत्री बन जाऊंगा तो उनकी भी नहीं सुनूंगा - अजित 

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार का पूर्व में राकांपा के सहयोग से बनी दो सरकारों के दौरान गृहमंत्री पद नहीं दिए जाने का दर्द छलका आया है। अजित ने कहा कि मैंने पूर्व की कांग्रेस-राकांपा की आघाड़ी और महाविकास आघाड़ी सरकार के समय गृहमंत्री पद मांगा था। लेकिन वरिष्ठों को लगता है कि यदि मैं गृहमंत्री बन जाऊंगा तो उनकी भी नहीं सुनूंगा। शुक्रवार को अजित ने पुणे के नेहरू मेमोरियल सभागार में पुणे शहर कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान अजित जब भाषण कर रहे थे तभी मंच पर बैठे एक पदाधिकारी ने बीच भाषण में अजित से कहा कि राज्य में जब राकांपा की सरकार बनेगी तब आप गृहमंत्री बनिए। इसके जवाब में अजित ने कहा कि कांग्रेस-राकांपा की आघाड़ी सरकार में जब मुझे उपमुख्यमंत्री बनाया गया तो मैंने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से गृह विभाग मांगा था। लेकिन वरिष्ठों (शरद पवार) को लगता है कि मैं गृहमंत्री बन जाऊंगा तो उनकी भी नहीं सुनूंगा। उस समय कुछ जम नहीं पाया।

 इस बार भी महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद जब मैं उपमुख्यमंत्री बना तो मैंने गृह विभाग की मांग की थी। लेकिन मुझे गृह विभाग नहीं दिया गया। फिर तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने जब इस्तीफा दिया तब भी मैंने मैंने गृह विभाग देने की मांग की थी। लेकिन वरिष्ठ मंत्री दिलीप वलसे-पाटील को गृह विभाग दे दिया गया। क्या कर सकते हैं? वरिष्ठों के सामने कुछ बोल भी नहीं सकते। अजित ने कहा कि सभी को मालूम है कि मुझे जो उचित लगेगा मैं वही फैसला करता हूं। मैं राकांपा के कार्यकर्ताओं पर अन्याय सहन नहीं करूंगा लेकिन अगर राकांपा के कार्यकर्ता की ही गलत रहेगी तो उसको भी माफ नहीं करूंगा। नियम सभी के लिए एक समान हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व की कांग्रेस-राकांपा की आघाड़ी सरकार और महाविकास आघाड़ी सरकार में अजित उपमुख्यमंत्री तथा वित्त व नियोजन (योजना) मंत्री थे।  

चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए दिया बयान- अजित 
 बैठक के बाद अजित ने अपने बयान को लेकर सफाई दी है। मीडिया से बातचीत में अजित ने दावा करते हुए कहा कि बैठक के दौरान कार्यकर्ता थक गए थे। इसलिए उनके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए मजाक में गृहमंत्री पद के बारे में बोला था। अजित ने कहा कि सरकार में किस मंत्री को कौन सा विभाग देना यह पार्टी का नेतृत्व तय करता है। राकांपा के सरकार में रहने के दौरान मुझे जो भी विभाग मिले थे। उसकी जिम्मेदारी मैंने बखूबी निभायी है। अजित ने कहा कि शिंदे सरकार में कई मंत्रियों को उनके पसंद का विभाग नहीं मिला है। लेकिन वह मंत्री मजबूरी में अब एक-एक दिन काट रहे हैं। 

Created On :   23 Sept 2022 7:44 PM IST

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