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डंपर में छिपकर भाग रहे सफेलकर के बैग में मिला था पासपोर्ट, पैनकार्ड व एटीएम कार्ड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कुख्यात बदमाश मनीष श्रीवास की हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार रंजीत सफेलकर को पुलिस ने प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की अदालत के समक्ष पेश किया। न्यायालय ने आरोपी रंजीत सफेलकर को 7 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। रंजीत को पिछले दिनों पुलिस ने दबोचने की कोशिश की थी। वह डंपर के अंदर छिपकर भागा था। पुलिस ने उसका पीछा किया, लेकिन पुलिस को चकमा देकर भंडारा से भाग निकला था। भागने के दौरान रंजीत का बैग डंपर में छूट गया था। उसके बैग में उसका पासपोर्ट, पैनकार्ड, आधार कार्ड, दो एटीएम कार्ड भी मिले हैं। अंतत: मंगलवार की रात अपराध शाखा पुलिस ने रंजीत सफेलकर को गिरफ्तार कर लिया।
क्या था मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार 4 मार्च 2012 को एक महिला काे लालच देकर आरोपी रंजीत सफेलकर, शरद उर्फ कालू हाटे, भरत हाटे, छोटू बागड़े, हेमंत गोरखा व अन्य साथियों ने मनीष का अपहरण किया। पवनगांव (धारगांव) में एक मकान से आरोपियों ने मनीष की हत्या कर उसका शव रंजीत सफेलकर के कामठी स्थित मकान लेकर गए थे। कामठी में रंजीत सफेलकर के मकान में मनीष श्रीवास के शव के टुकड़े-टुकड़े किए गए थे। उसके बाद उन टुकड़ांे को चार पहिया वाहन में डालकर कुरई घाट में ले जाकर फेंका गया। इस प्रकरण में पुलिस ने आरोपी शरद उर्फ कालू हाटे, भरत हाटे और हेमंत गोरखा को पहले ही गिरफ्तार किया है। भरत और कालू को सबसे पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया। इन दोनों भाइयों की निशानदेही पर पुलिस ने हेमंत गोरखा को धरदबोचा।
आंबेकर की तरह पैदल परेड
संतोष आंबेकर को जिस तरह न्यायालय में ले जाते समय पुलिस ने पैदल परेड कराई थी। बुधवार को उसी तरह पुलिस ने रंजीत सफेलकर काे न्यायालय में पेश करने के लिए पैदल परेड कराई। इस दौरान लोग जमा हो गए थे।
हाटे बंधुओं का 6 तक पीसीआर
सूत्रों के अनुसार भरत हाटे और कालू हाटे को न्यायालय में पेश किया गया। दोनों आरोपियों का पीसीआर समाप्त होने पर बुधवार को पेश किया गया था। न्यायालय ने उन्हें 6 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। हेमंत गोरखा को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया गया था। उसे 5 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। इन आरोपियों ने मनीष श्रीवास की हत्या करने की बात कबूल की है। इन आरोपियों ने मनीष की हत्या क्यों की? इस बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है। मनीष श्रीवास की हत्या नारा क्षेत्र में एक विवादित जमीन के चलते किए जाने की चर्चा हो रही है।
पूछताछ में उगला था सच
हेमंत गोरखा और हाटे बंधुओं ने पूछताछ में रंजीत सफेलकर को घटना का सूत्रधार बताया तब पुलिस ने उसकी खोजबीन शुरू कर दी। हाटे बंधुओं और हेमंत गोरखा को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के मार्गदर्शन में करीब 15 पुलिस दस्ते रंजीत सफेलकर की तलाश में जुटे थे। उसकी तलाश महाराष्ट्र, गोवा, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश तक की गई। अंत में उसे नागपुर में गिरफ्तार किया गया। बुधवार को नागपुर की अपराध शाखा पुलिस ने आरोपी रंजीत सफेलकर को प्रथमश्रेणी न्यायदंडाधिकारी महेश जोशी के समक्ष पेश किया। पुलिस ने आरोपी की 11 दिन की पुलिस रिमांड की गुजारिश की। पुलिस का पक्ष सुनने के बाद प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी ने सफेलकर को 7 अप्रैल तक पीसीआर में भेज दिया है। अधिवक्ता प्रकाश जयस्वाल, आशीष नायक, रौनक शर्मा ने रंजीत सफेलकर व भरत हाटे के लिए पैरवी की। कालू हाटे के लिए अधिवक्ता नितीन वासे ने पैरवी की।
सफेलकर को था एनकाउंटर का डर, हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
आर्किटेक्ट एकनाथ िनमगड़े प्रकरण में आरोपी रंजीत सफलेकर को पुलिस द्वारा अपने एनकाउंटर का अंदेशा था। इसी डर से उसने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के समक्ष फौजदारी रिट याचिका दायर की थी। इसमें उसने कोर्ट से प्रार्थना की थी कि वह पुलिस को ऐसा कोई भी कदम उठाने से रोके। बुधवार को इस याचिका पर न्या. जेड. ए हक और न्या. अमित बोरकर की खंडपीठ में सुनवाई हुई। चूंकि सफलेकर को मंगलवार रात को ही पकड़ा गया था, जिससे हाईकोर्ट में याचिका का उद्देश्य खत्म हो गया। सफेलकर को हाईकोर्ट से याचिका वापस लेनी पड़ी। याचिकाकर्ता की ओर से एड. देवेन चौहान व एड. प्रकाश जयस्वाल ने पक्ष रखा।
फ्री हैंड’ पुलिस टीम
दरअसल पुलिस का दावा है कि सफेलकर इस हत्याकांड का मुख्य सूत्रधार है। जबसे हत्याकांड में उसका नाम सामने आया था, वह फरार हो गया था। याचिकाकर्ता के अनुसार उसे स्थानीय समाचार पत्रों से पता चला कि पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में पुलिस की एक टीम को "फ्री हैंड" दिया है, अर्थात जरूरत पड़ने पर कड़े से कड़ा कदम उठाने की छूट दी गई है। ऐसे में सफेलकर को डर था की कहीं पुलिस उसका एनकाउंटर ही न कर दे, जिसके चलते उसने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
Created On :   1 April 2021 3:49 PM IST