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मरीज को स्ट्रेचर पर डालकर चार किमी लाए 108 कर्मी, फिर एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। डायरिया से पीड़ित जोगीलाल को चार किलोमीटर दूर से स्ट्रेचर पर डालकर 108 के पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा पैदल ही एम्बुलेंस तक लाया गया। तब कहीं उसे एम्बुलेंस से अस्पताल तक पहुंचाया जा सका। यह मामला है जुन्नारदेव से लगभग पचास किलोमीटर दूर स्थित गांव हल्लीवाड़ा का। दूरस्थ पहाड़ी में बसे इस गांव तक पैदल ही पहुंचा जा सकता है। लगभग चालीस मकानों के इस गांव के हालात इतने खराब है कि 108 एम्बुलेंस बुलाने के लिए मरीज के परिजनों को चार किलोमीटर दूर ग्राम बिलबहरी तक पैदल आना पड़ा। यहां मोबाइल का नेटवर्क मिलने पर 108 पर कॉल किया जा सका। 108 एम्बुलेंस के पायलट के काफी प्रयासों के बाद भी जब एम्बुलेंस हल्लीवाड़ा नहीं पहुंच पाई तो स्टाफ ने बिलबहरी में गाड़ी खड़ी कर पैदल जाकर मरीज को स्टे्रचर पर डाला और एम्बुलेंस तक लाया। यहां से उसे जुन्नारदेव अस्पताल तक लाया गया। इलाज के बाद जोगीलाल की हालत सामान्य बताई जा रही है।
दो नदियां पार करनी पड़ी-
एम्बुलेंस के डॉक्टर जितेन्द्र साहू और पायलट विनोद कोसल ने बताया कि उल्टी-दस्त पीडि़त जोगीलाल की हालत काफी गंभीर थी। उसे प्राथमिक इलाज देने के बाद एम्बुलेंस तक लाने स्ट्रेचर पर ही लाया जा सकता था। गांव से बाहर आने के लिए दो बार नदी पार करना पड़ता है। इस वजह से उसे बाइक से भी नहीं लाया जा सकता था। आखिरकार उसे स्ट्रेचर पर डालकर एम्बुलेंस तक लाया गया।
इलाज की कोई सुविधा नहीं-
ग्रामीणों ने बताया कि हल्लीवाड़ा, कट्टा और बिलबहरी में इलाज के लिए कोई सुविधा नहीं है। इन गांवों के बीमार मरीजों को लगभग 45 किलोमीटर दूर जुन्नारदेव अस्पताल ही आना पड़ता है। इसी वजह से डायरिया पीडि़त जोगीलाल की हालत काफी बिगड़ गई। उसे अस्पताल तक पहुंचाने पहली बार 108 एम्बुलेंस पर कॉल किया गया था। इसके पहले पैदल ही मरीज अस्पताल तक जाते है। इलाज के बाद जोगीलाल की हालत सामान्य बताई जा रही है।
Created On :   12 Nov 2018 2:11 PM IST