ESIC हॉस्पिटल के हाल-बेहाल, दवाइयों के लिए मरीज जो रहे परेशान

patients are in trouble with many carelessness in ESIC hospital nagpur
ESIC हॉस्पिटल के हाल-बेहाल, दवाइयों के लिए मरीज जो रहे परेशान
ESIC हॉस्पिटल के हाल-बेहाल, दवाइयों के लिए मरीज जो रहे परेशान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ESIC के अमूमन सभी अस्पतालों का हाल ऐसा है कि कर्मचारी यहां इलाज करवाने आए तो परेशान हो जाता है। वैसे तो कामगारों को चिकित्सा हितलाभ पहुंचाने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) द्वारा विदर्भ में कुल 17 अस्पताल शुरू किए गए हैं, लेकिन ये अस्पताल पिछले तकरीबन दो वर्षों से मात्र दिखावा साबित हो रहे हैं। इन अस्पतालों में मरीजों के लिए दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। यहां इलाज के लिए आने वाले कामगारों को दवा स्वयं खरीदनी पड़ रही है।

अस्पताल प्रशासन इन कर्मचारियों को खरीदी गई दवा के बिल का भुगतान करने का आश्वासन देता है, लेकिन वह जल्दी होता नहीं है। अब हालत यह है कि 500 से अधिक कामगारों द्वारा दवा खरीदी के पेश किए गए बिलों का भुगतान पिछले दो वर्षों से नहीं किया गया है। इसकी रकम लगभग दो करोड़ रुपए है। इससे कामगारों में ESIC के प्रति अविश्वास की भावना पनपने लगी है।

50 फीसदी मरीज बेहद गरीब
ESIC के अस्पतालों को दवा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हाफकिन की थी, लेकिन हाफकिन से दवा आना बंद हो गई है। अस्पताल प्रशासन मरीजों को बाहर से दवा खरीदने की सलाह दे रहा है। बाहर से खरीदी गई दवा का भुगतान करने का आश्वासन भी दिया जा रहा है लेकिन पैसे न मिलने से मरीजों का विश्वास समाप्त हो गया है। यहां आने वाले 50 फीसदी से अधिक मरीज बेहद गरीब होते हैं तथा दवा खरीदने के लिए भी इन मरीजों के पास पैसे नहीं होते हैं। इस स्थिति में दवा के अभाव में मरीजों की जान पर बन आती है। इस मामले में अस्पताल प्रशासन भी कुछ नहीं कर पा रहा है तथा कर्मचारी राज्य बीमा निगम की स्वास्थ्य योजना नाकारा साबित हो रही है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा विदर्भ में कुल 17 डिस्पेन्सरी शुरू की गई हैं। इनके जरिए तकरीबन डेढ़ लाख कामगारों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा रही है।

नहीं मिल रही ग्रांट की राशि
कर्मचारी राज्य बीमा निगम के लाभार्थियों के लिए जारी किया जानेवाली ग्रांट की राशि पिछले दो वर्षों से राज्य सरकार द्वारा नहीं दिया गया है। इस संदर्भ में लगातार पत्रव्यवहार किया जा रहा है। तकरीबन 500 कामगारों के दवाओं के बिल अटके हुए है। इन बिलों का भुगतान करने के लिए 2 करोड़ से अधिक की रकम चाहिए। डिस्पेन्सरी में दवाओं की कमी दूर करने के भी प्रयास शुरु है। इएसआयसी द्वारा हाल ही में 4 दवाएं उपलब्ध करायी गई है जिनमें डायरिया का सिरप, सोफ्रामायसिन ट्यूब, एन्टासिड जेल व बी-कॉम्पलेक्स सिरप का समावेश हैं। 
-ज्ञानेश्वर हुलके, वैद्यकीय प्रशासन अधिकारी, ESIC, नागपुर

Created On :   20 Nov 2018 8:16 AM GMT

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