विशेष अनुमति ले पहुंच रहे हैं पड़ाेसी राज्यों से मरीज

Patients from neighboring states are getting special permission
विशेष अनुमति ले पहुंच रहे हैं पड़ाेसी राज्यों से मरीज
विशेष अनुमति ले पहुंच रहे हैं पड़ाेसी राज्यों से मरीज

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। लॉक डाउन के कारण कई चीजें ठहर गई हैं लेकिन कुछ चीजें जरूरी हैं और उन्हें रोकना जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसी ही सेवा है मेडिकल। नागपुर के कुछ निजी अस्पतालों में पड़ोसी राज्यों के गंभीर मरीजों की सेवा जारी है। भले ही इन अस्पतालों में ओपीडी के मरीज नहीं पहुंच रहे हैं लेकिन जरूरी सर्जरी जिनके समय पर नहीं होने से जीवन का खतरा हो सकता है, किए जा रहे हैं। शहर के कई प्रमुख सर्जनों ने बताया कि अधिकतर ऑपरेशन जिन्हें टालने से कोई भारी समस्या नहीं आएगी, टाल दिए गए हैं लेकिन जीवन को बचाने के लिए जरूरी आॅपरेशन हो रहे हैं। इसके लिए मरीज विशेष अनुमित लेकर अस्पताल आते हैं।

 एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस के अध्यक्ष डॉ निर्मल जायस्वाल ने बताया कि ओपीडी के पुराने मरीजों को वीडियो कॉफ्रेंसिंग और मोबाइल की मदद से सलाह दी जा रही है। लेकिन जरूरी सर्जरी की जा रही है। हालांकि उन्होंने माना कि 70 फीसदी सर्जरी टाल दी गई हैं। उल्लेखनीय है कि पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में लोग स्वास्थ्य सेवा के लिए नागपुर पहुंचते हैं। सामान्य समय में प्रतिदिन सिवनी, बालाघाट, बैतुल, मंडला, छिंदवाड़ा, रीवां, रायपुर से हजारों मरीज नागपुर के विभिन्न निजी और सरकारी अस्पतालों में पहुंचते थे।

लॉकडाउन के कारण कुछ मरीज तो ऑपरेशन के बोद टांके तक निकलवाने अस्पताल नहीं आ पाएं। उनके लिए पड़ोसी राज्य से यहां पहुंचना मुश्किल था। ऐसे में किसी स्थानीय डॉक्टर से मदद लेकर ऐसे मरीजों की मदद करनी पड़ी। हालांकि हमने कुछ बेहद जरूरी कुछ सर्जरी की हैं। यह सही है कि मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है। ये हालत कुछ मरीजों के लिए हानिकारक भी साबित हो सकती है -डॉ अभिनव कोन्हेर, आर्थोपेडिक सर्ज

अत्यंत जरूरी ऑपरेशन के मरीज जरूरी अनुमति लेकर आ रहे हैं। ऐसे मरीजों का जीवन बचाने के लिए सर्जरी समय पर जरूरी थी। सिवनी से ब्रेन की सर्जरी के लिए मरीज आया था। दर्यापुर और अमरावती के मरीज भी अस्पताल पहुंचे हैं। यह समय डॉक्टर और मरीजों दोनों के लिए कठिन है। कौन मरीज कोविड का है, बगैर जांच के समझना मुश्किल है। इसके साथ ही संक्रमण कभी भी हो सकता है। मरीजों की संख्या सीमित है -डॉ अशोक अरबट, पल्मोनोलॉजिस्ट
 

Created On :   10 April 2020 9:58 PM IST

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