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जिले में बढ़ रहा साइनोसाइटिस का खतरा, वायु प्रदूषण बड़ा कारण
डिजिटल डेस्क, सतना। औद्योगिक दक्षता में सतना जिला पूरे देश भर में अपना अलग स्थान भले ही बना चुका है, लेकिन इसके साथ कई बीमारियों ने भी जिले में पैर पसारे हैं। ऐसी ही एक बीमारी साइनोसाइटिस इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। डॉक्टर बताते हैं कि जिले में इस बीमारी के पेसेंट भी बढ़ रहे हैं। अकेले जिला अस्पताल के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यहां रोजाना तकरीबन एक दर्जन ऐसे पेसेंट इलाज कराने आते हैं, जिनको साइनोसाइटिस की शिकायत रहती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस बीमारी का प्रभाव प्राय: उन क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलता है, जहां धूल के साथ अन्य किस्म के प्रदूषणों का प्रभाव अधिक रहता है। बताया गया है कि ऐसे क्षेत्रों में लगातार रहने से लोग साइनोसाइटिस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। वायु प्रदूषण बड़ा कारण है। साइनोसाइटिस से पीडि़त होने के बाद लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है।
लक्षण और बचाव
साइनोसाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से पीडि़त लोगों के सिर में निरंतर दर्द बना रहना, हमेशा सर्दी से परेशानी, निरंतर बुखार रहने के साथ हर समय टेंशन आदि का होना पाया जाता है। आम तौर पर इसका असर 5 से 10 दिनों तक रहता है, लेकिन कभी-कभार स्थिति इस प्रकार बन जाती है कि बात मरीजों के ऑपरेशन तक पहुंच जाती है। विशेषज्ञों की मानें तो समय पर इलाज से इस प्रकार की समस्या से बचा जा सकता है। टिंचर की भाप लेने और धूप में रहने से इस साइनोसाइटिस बीमारी से प्रभावित मरीजों को राहत मिलती है।
सर्दी की शुरुआत में अधिक प्रभाव
बताया गया है कि साइनोसाइटिस बीमारी सर्दी के शुरुआती मौसम में अधिक तजी से फैलती है। जो लोग एलर्जी से जूझ रहे होते हैं, उनको निरंतर सर्दी बनी रहती है। लिहाजा हल्की सी धूल के प्रभाव में आने से ये लोग साइनोसाइटिस का शिकार हो जाते हैं।
Created On :   28 Sep 2018 8:58 AM GMT