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म्यूकर माइकोसिस के मरीजों के लिए प्रतिदिन 2300 से अधिक इंजेक्शन की जरूरत, मिल रहे 200-300

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम हो रही है, मगर म्यूकर माइकोसिस के मरीज बढ़ रहे हैं। इन मरीजों के इलाज में लगने वाले एंफोटेरिसिन बी. इंजेक्शन बाजार से पूरी तरह खत्म हो गए हैं। इसका वितरण केवल जिलाधिकारी की ओर से किया जा रहा है। नागपुर जिले में एक दिन में 2300 से अधिक इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन दो तीन दिन में सिर्फ 200 से 300 इंजेक्शन आ रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, रविवार को 4500 हजार इंजेक्शन की खेप जिलाधिकारी को सुपुर्द की गई। हालांकि अभी भी यह नाकाफी है।
हर मरीज को रोज 5 इंजेक्शन की जरूरत
रविवार के आंकड़ों के अनुसार, नागपुर जिले में शासकीय और निजी अस्पतालों में 468 मरीज भर्ती हैं। ज्यादातर निजी अस्पताल में उपचार ले रहे हैं। एक मरीज को एक दिन में 5 इंजेक्शन की जरूरत होती है। इसके अनुसार प्रतिदिन करीब 2300 से ज्यादा इंजेक्शन की आवश्यकता है, लेकिन जिले में दो-तीन दिन में 200 से 300 इंजेक्शन आ रहे हैं। बीच में एक-दो बार 800 इंजेक्शन आए थे।
मरीजों की स्थिति खराब
इंजेक्शन की कमी से मरीजों की स्थिति खराब हो गई है। पिछले दो दिन से शहर में एक भी इंजेक्शन नहीं आया है। शुक्रवार को इंजेक्शन आए थे, लेकिन मांग के अनुसार पर्याप्त नहीं हैं। अस्पतालों में 200 से 500 इंजेक्शन की मांग है, जबकि 40-50 इंजेक्शन पहुंचाए जा रहे हैं।
वैकल्पिक टैबलेट भी नहीं
इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण विकल्प के तौर पर डॉक्टर एंटी फंगल टैबलेट पोसाकोनाजोल और ईसावुकोनाजोल टैबलेट लाने को कह रहे हैं। यह दवा भी बहुत ही महंगी है। इसका एक पैकेट 25000 का आता है। यह दवा भी मार्केट से खत्म हो गई है। अब मरीजों को न इंजेक्शन मिल रही है और न ही टैबलेट। मरीजों के परिजन शहर भर में इसे पाने के लिए बदहवास घूम रहे हैं।
टैबलेट का उत्पादन बढ़ा
पोसाकोनाजोल और ईसावुकोनाजोल दवा की शहर में कमी हो गई है। अचानक इसकी मांग बढ़ी है, लेकिन अब भी कई मेडिकल स्टोर पर यह उपलब्ध है। कुछ उत्पादक कंपनियों ने इसका उत्पादन बढ़ाया है, इसलिए कुछ दिनों में यह भी उपलब्ध हो जाएगी।
-अजय सोनी, अध्यक्ष, अखिल भारतीय फार्मेसिस्ट वेलफेयर असोसिएशन
इंजेक्शन कम आ रहे
इंजेक्शन की कमी निजी और सरकारी दोनों अस्पतालों में है। अभी इंजेक्शन बहुत कम मात्रा में आ रहे हैं। इस कारण कमी हो रही है। जिलाधिकारी की ओर से हमें इंजेक्शन भेजे जाते हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने से इसकी मांग बढ़ गई है। - डॉ. प्रशांत निखाडे, अध्यक्ष, टास्क फोर्स
वर्धा में तैयार हुआ इंएंफोटेरिसिन इंजेक्शन
म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के इलाज में जरूरी एंफोटेरिसिन इंजेक्शन की भारी मांग के बीच थोड़ी राहत मिली है। वर्धा की जेनेटिक लैबोरेटरी ने जिलाधीश रवींद्र ठाकरे को 4500 एंफोटेरिसिन इंजेक्शन रविवार को सौंपे। बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी के प्रयासों से वर्धा के जेनेटिक लेबोरेटरीज में एंफोटेरिसिन इंजेक्शनों का उत्पादन हो रहा है। वितरण प्रमुख डॉ. एम डी क्षीरसागर ने ये इंजेक्शन जिलाधीश रवींद्र ठाकरे को सौंपे। नागपुर विभाग के स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. संजय जयस्वाल व अतिरिक्त जिलाधीश निशिकांत सुके उपस्थित थे।
Created On :   7 Jun 2021 2:44 PM IST