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जेवरात गिरवी रखकर बिजली बिल का किया भुगतान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महावितरण ने बकाया बिल की वसूली के लिए इंस्टालमेंट पॉलिसी घोषित की, लेकिन विभाग का ही अभियंता इंस्टॉलमेंट पालिसी को नहीं मान रहा। इंस्टालमेंट नहीं मिलने पर प्रेम नगर के दिलीप खेड़ीकर को पत्नी के जेवरात गिरवी रखकर बिजली बिल का भुगतान करना पड़ा। महज तीन कमरे में रहने वाले खेडीकर को हर महीने 3 हजार तक बिजली बिल आ रहा है, लेकिन मीटर क्यों इतना तेजी से घूम रहा, इसकी सुध लेना महावितरण अधिकारियों ने जरूरी नहीं समझा।
ऊर्जामंत्री से शिकायत का भी असर नहीं : बुजुर्ग खेडीकर ने बस्ती के कुछ लोगों पर बिजली चोरी का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राऊत, गांधीबाग विभाग के कार्यकारी अभियंता व बिनाकी उपविभाग से की। हुक डालकर बिजली चोरी करने, मीटर से छेड़छाड़ व चुंबक से रीडिंग प्रभावित करने के आरोप लगाए। विभाग के कर्मचारियों पर जानकर भी आंखें मूंदने का आरोप लगाया, लेकिन ऊर्जामंत्री से शिकायत का भी कोई असर नहीं हुआ।
यूनिट बढ़ा रही शंका : महावितरण से प्रतिसाद नहीं मिलने पर बुजुर्ग खेडीकर ने संबंधित लोगों के बिजली कंजम्शन की जानकारी निकाली। जिन पर बिजली चोरी का संदेह जताया उन्हें, 3, 11, 20, 37, 40, 47 इतने यूनिट का बिल आ रहा है। इमारतों का इतना कम बिल संदेह खड़ा करता है, लेकिन बिनाकी उपविभाग इससे अनजान है। महावितरण के प्रबंध निदेशक विजय सिंघल का आदेश है कि, जिनकी रीडिंग 0-30 तक है, उन मीटरों की गहराई से जांच होनी चाहिए।
लोगों के कम बिल पर अभियंता ने नहीं दिया जवाब : अति. कार्यकारी अभियंता प्रशांत भाजीपाले ने कहा कि, शिकायत मिलने पर संबंधित उपभोक्ताआें के मीटर की जांच की आैर सब कुछ बराबर निकला। संबंधितों को कम बिल आने के सवाल का जवाब नहीं दिया। श्री खेडीकर को इसके पहले इंस्टॉलमेंट दी गई थी। बकाया था, इसलिए बुधवार को लाइन काट दी। मीटरों की जांच संबंधित अधिकारी करते हैं। सवालों के जवाब देना उचित नहीं समझता।
Created On :   25 Dec 2021 5:26 PM IST