मजबूरी में पी रहे फ्लोराईडयुक्त पानी, गलत रिपोर्ट बनाकर जनता के स्वास्थ्य से किया जा रहा खिलवाड़

people drink Fluoride drinking water in gondia district
मजबूरी में पी रहे फ्लोराईडयुक्त पानी, गलत रिपोर्ट बनाकर जनता के स्वास्थ्य से किया जा रहा खिलवाड़
मजबूरी में पी रहे फ्लोराईडयुक्त पानी, गलत रिपोर्ट बनाकर जनता के स्वास्थ्य से किया जा रहा खिलवाड़

डिजिटल डेस्क,गोंदिया। गोंदिया जिले के एक गांव में लोग मजबूरीवश फ्लोराइडयुक्त पानी पी रहे हैं। गोरेगांव तहसील अंतर्गत ग्राम पिंडकेपार के कन्हारटोला के जलस्त्रोतों का पानी फ्लोराइडयुक्त है। यहां के लिए  प्रशासन ने जलापूर्ति योजना मंजूर की लेकिन योजना पूरी होने की झूठी जानकारी दस्तावेजों में दर्शाई गई हैजबकि जनता अभी भी जहरीला पानी ही पी रही है।

जानवर भी बीमारी की चपेट में
कन्हारटोला  ग्राम पिंडकेपार ग्राम पंचायत अंतर्गत आता है। इस ग्राम में 100 से अधिक नागरिक निवास करते हैं। जबसे गांव बसा, तब से ही यहां के जलस्त्रोतों का पानी फ्लोराइड युक्त है। जिस वजह से यह पानी पीने से विभिन्न बीमारियों ने इंसान ही नहीं जानवरों को भी जकड़  लिया है। शासन ने इस पानी को पीने के लिए उपयोग में ना लें, ऐसा निर्देश भी दिया है। प्रशासन ने इस ग्राम के लिए वर्ष 2010-11 में जलापूर्ति योजना मंजूर की। योजना के तहत प्रत्येक परिवारों को शुद्ध पानी देने का लक्ष्य था। योजना गत वर्ष ही पूर्ण होनी थी। बताया जाता है कि  प्रशासन के दस्तावेजों में कन्हारटोलावासी जलापूर्ति योजना का पानी पी रहे है, इस तरह का उल्लेख है, लेकिन यहां की कहानी कुछ और ही बयां कर रही है। हकीकत में जलापूर्ति योजना शुरू ही नहीं हुई। साथ ही यहां पर लगाई गई पानी की टंकी पानी के बगैर नीचे गिर गई है, जिसके दो टुकड़े हो गए हैं लेकिन सरकारी दस्तावेजों में लोगों को पेयजलापूर्ति किए जाने का उल्लेख कर जनता की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।

3 लाख 26 हजार रु. हुए खर्च 
इस संदर्भ में ग्रामीण जलापूर्ति योजना की ओर से जानकारी दी गई है कि कन्हारटोला जलापूर्ति योजना पर 3 लाख 26 हजार 500  रुपए खर्च किए जा चुके हैं। योजना को पूर्ण रूप दिया गया है। योजना को शुरू करना आवश्यक है। 

योजना का काम पूरा 
कन्हारटोला-पिंडकेपार जलापूर्ति योजना का काम पूर्ण किया जा चुका है। जलापूर्ति क्यों नहीं की जा रही इसकी जानकारी ग्राम पंचायत प्रशासन से ही प्राप्त होगी। उसके बाद ही कारण पता चलेगा। 
- प्रशांत टेंभुर्णीकर, कनिष्ठ अभियंता, ग्रामीण जलापूति योजना जि.प. गोंदिया

Created On :   26 Feb 2018 2:37 PM IST

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