लोगों को जानने का हक है कि एनसीबी अधिकारी वानखेडे दोहरा जीवन जी रहे

People have a right to know that NCB officer Wankhede is leading a double life
लोगों को जानने का हक है कि एनसीबी अधिकारी वानखेडे दोहरा जीवन जी रहे
मंत्री मलिक ने हाईकोर्ट में दायर किया हलफनामा लोगों को जानने का हक है कि एनसीबी अधिकारी वानखेडे दोहरा जीवन जी रहे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो(एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव की ओर से दायर किए गए मानहानि के दावे के जवाब में बांबे हाईकोर्ट हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में मलिक ने कहा है कि उन्होंने एनसीबी अधिकारी वानखेडे के खिलाफ इसलिए बोला था क्योंकि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि कैसे एनसीबी अधिकारी वानखेडे ने नौकरी पाने के लिए अपनी जाति को लेकर झूठ बोला था।  एनसीबी अधिकारी मुस्लिम थे फिर भी उन्होंने खुद को पिछड़ी जाति का बताया था। 

हलफनामे में मलिक ने कहा है कि वे चाहते थे कि जनता जाने की एनसीबी अधिकारी कैसे मुस्लिम व हिंदू के रुप में दोहार जीवन जी रहे है। दो दिन पहले कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में मलिक ने कहा है कि मैंने जो सामग्री लोगों के सामने लाई है वह दर्शाती है कि एनसीबी अधिकारी ने कैसे अवैध तरीके से नौकरी पायी है और कैसी अपने दायित्वों के निवर्हन में अवैधता बरती है। इसलिए लोगों को उनसे(वानखेडे) जुड़ी सच्चाई को जानने का हक है।

आनेवाले दिनों में वानखेडे की पिता की ओर से दायर किए गए मानहानि के दावे में सुनवाई हो सकती है।  पिछले दिनों मंत्री मलिक ने मानहानि के मामले में अदालत को दिए गए अपने आश्वासन को तोड़ने के लिए हाईकोर्ट से बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी थी। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट को दोबारा आश्वासन दिया था कि वे वानखेडे व उनके परिवार के खिलाफ मीडिया व सोशल मीडिया में कुछ नहीं बोलेंगे। इससे पहले मंत्री मलिक ने वानखेडे के पिता का नाम ज्ञानदेव न होकर दाऊद बताया था। इसके बाद  ज्ञानदेव वानखेडे ने मंत्री मलिक पर मानहानि का आरोप लगाते हुए कोर्ट में दावा दायर कर सवा करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की है। इसके साथ ही मंत्री मलिक को मीडिया में बोलने से रोकने का आग्रह किया है। 

Created On :   16 Dec 2021 7:41 PM IST

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