ज्यादा फिल्मी हैं दक्षिण के लोग ,चार भाषाओं में तैयार हुई 665 फिल्में

People of South are more films, 665 films prepared in four languages
ज्यादा फिल्मी हैं दक्षिण के लोग ,चार भाषाओं में तैयार हुई 665 फिल्में
ज्यादा फिल्मी हैं दक्षिण के लोग ,चार भाषाओं में तैयार हुई 665 फिल्में

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दक्षिण में फिल्मी सितारों की लोकप्रियता का अंदाजा राजनीति में उनकी हैसियत से लगाया जा सकता है। एमजी रामचंद्रन से लेकर जयललिता तक कई ऐसे फ़िल्मी चेहरे रहे जो राजनीति के शीर्ष पर पहुंचे। ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि उत्तर भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत के लोगों को फिल्में देखना ज्यादा पसंद है। फिल्मों के प्रदर्शन के लिए अनुमति प्रमाणपत्र देने वाले केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं। 2020 के आठ महीनों ( 1 जनवरी 2020 से 31 अगस्त 2020) के दौरान जहां दक्षिण भारतीय भाषाओं की 665 फिल्मों के लिए प्रमाणपत्र जारी किया गया वहीं हिंदी सहित उत्तर भारत की भाषाओं वाली 566 फिल्में ही सेंसर के लिए आई। 

सेंसर की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 2020 में तमिल की 237, तेलुगु की 214, कन्नड़ की 125 और मलयालम की 89 फिल्मों के लिए प्रमाण पत्र जारी किए गए। जबकि इस दौरान हिंदी की 446, भोजपुरी की 90, छत्तीसगढ़ी की 9 व पंजाबी की 21 फिल्में यानी कुल 566 फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड की हरी झंडी मिली। यानी उत्तर भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में 99 ज्यादा फिल्में रिलीज के लिए तैयार हुई।  वर्ष 2019 में दक्षिण भारत की चार भाषाओं तमिल, तेलुगु, कन्नड व मलयालम में कुल 1573 फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड से प्रमाफ पत्र जारी किया गया था। जबकि उत्तर भारत की प्रमुख भाषाओं हिंदी, भोजपुरी, छत्तीसगढ़ी, राजस्थानी व पंजाबी मिला कर कुल 1570 फिल्मों को रिलिज के लिए हरीझंडी मिली थी। 

उत्तर           दक्षिण 
हिंदी-    446    तमिल-237
भोजपुरी- 910    तेलगू-214
पंजाबी -  21     कन्नड-125
छत्तीसगढ़ी-09    मलयालम-89

 

  

Created On :   14 Jan 2021 1:10 PM GMT

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