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जानिए क्यों मुख्यमंत्री की संपत्ति की जानकारी से अंजान रहेंगे लोग?

डिजिटल डेस्क, मुंबई । राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश के अनुसार राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विधान परिषद के सदस्य बन जाएंगे लेकिन इससे मुख्यमंत्री की संपत्ति का पता नहीं चल पाएगा। क्योंकि राज्यपाल कोटे वाली विप सीट के लिए नामांकन दाखिल नहीं करना पड़ता। महाराष्ट्र विधानमंडल के पूर्व प्रधान सचिव अनंत कलसे ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि राज्यपाल कोटे के लिए उम्मीदवार को नामांकन और हलफनामा दाखिल नहीं करना पड़ता। राज्यपाल राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश के अनुसार उम्मीदवार को विधान परिषद के लिए नामित करने का फैसला करते हैं। राज्य मंत्रिमंडल की ओर से राज्यपाल के पास उम्मीदवार को नामित करने के लिए सिफारिश जाती है। इसके अनुसार राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल कोटे की रिक्त सीट के लिए उद्धव के नाम की सिफारिश की है।
राज्यपाल कोटे की सीट के लिए उम्मीदवार को नामांकन नहीं भरना पड़ता है।इस लिए मुख्यमंत्री उद्धव को भी नामांकन नहीं भरना पड़ेगा। इससे उद्धव मुख्यमंत्री के नाते जब तक अपनी संपत्ति स्वयं घोषित नहीं करते तब तक उनकी संपत्ति का पता नहीं चल पाएगा। संभवः उद्धव पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जिसके संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक नहीं हो सकेगी। इससे पहले उद्धव जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे तब राज्य के सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा थी कि उनके विधानमंडल का सदस्य बनने के बाद ठाकरे परिवार की संपत्ति का पता चल सकेगा। राज्य में विधानसभा और विधानपरिषद समेत अन्य चुनावों में उतरने वाले उम्मीदवारों को चुनावी हलफनामा भरना पड़ता है। इससे चुनावी हलफनामों में उम्मीदवार को अपनी चल और अचल संपत्ति की जानकारी देनी होती है। लेकिन राज्यपाल कोटे की सीट पर उम्मीदवार को नामांकन नहीं भरना होगा। महाराष्ट्र विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की कुल 12 सीटें हैं। इसमें से 2 सीटें रिक्त हैं। जिसमें से एक सीट पर उद्धव नामित होंगे।
आदित्य ठाकरे ने बताई थी 16 करोड़ की संपत्ति
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय शिवसेना की ओर से वर्ली सीट के उम्मीदवार के रूप में शिवसेना पक्ष प्रमुख के बेटे तथा वर्तमान पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने नामांकन भरा था। चुनावी हलफनामे में आदित्य ने 16.05 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी। हलफनामे में आदित्य ने 11.38 करोड़ रुपए की चल और 4.67 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति घोषित की थी।
कोल्हापुर जिला बैंक ने सीएम फंड के लिए दिए 2 करोड़
कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए कोल्हापुर जिलामध्यवर्ती सहकारी बैंक के माध्यम से मुख्यमंत्री सहायता निधि के लिए 2 करोड़ रुपए की मदद दी गई है। इसके साथ ही कोल्हापुर जिला बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अपना एक दिन का वेतन 22.75 लाख रुपए मुख्यमंत्री सहायता निधि में दिया है। गुरुवार को मंत्रालय में प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री तथा बैंक के अध्यक्ष हसन मुश्रीफ ने दोनों मदद राशि का पे ऑर्डर उपमुख्यमंत्री अजित पवार को सौंपा। मुश्रीफ ने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण सरकार को गरीबों और मजूदरों के लिए निवास और भोजन की व्यवस्था करनी पड़ रही है। इसके अलावा स्वच्छता के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करना पड़ रहा है। इसके मद्देनजर सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए मुख्यमंत्री सहायता निधि में मदद करने का फैसला बैंक प्रशासन ने किया है। इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों और व्यक्तिगत योगदान देने का आह्वान किया था।
Created On :   9 April 2020 8:08 PM IST