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मुंबई-पुणे छोड़ बाकी जिलों में उद्योग शुरु करने मिल सकती है अनुमति

डिजिटल डेस्क,मुंबई। राज्य में मुंबई व पुणे जैसे तीव्र कोरोना प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर प्रदेश के बाकी जिलों के उद्योगों को कुछ शर्तों के साथ उत्पादन शुरू करने की अनुमति मिल सकती है। प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। कोरोना वायरस के मद्देनजर राज्य की औद्योगिक स्थिति का पता लगाने के लिए नियुक्ति कृतिदल की बैठक सोमवार को मंत्रालय में हुई।
उद्योग मंत्री देसाई ने बताया कि उद्योग विभाग के अफसरों से कहा गया है कि मुंबई-पुणे जैसे रेड जोन को छोड़कर दूसरे जिलों में उद्योगों को कुछ शर्तों के साथ उत्पादन शुरू करने के संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जाए। देसाई ने कहा कि विशेष रूप से कृषि उपज प्रसंस्करणके उद्योग शुरू करने का प्रयास किया जाए। इससे किसानों को राहत मिल सकेगी। देसाई ने कहा कि स्थायी और ठेके पर काम करने वाले कामगारों को कुछ पैसे मिल सके। इस दृष्टि से प्राथमिकता से विचार करने की जरुरत है।
देसाई ने कहा कि राज्य के लघु उद्योगों के मजदूरों को दो महीने का वेतन देने के लिए बैंकों को कर्ज की सीमा बढ़ानी चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार को तत्काल फैसला लेना चाहिए। देसाई ने कहा कि एमआईडीसी से संबंधित मुद्दों पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मंजूरी के बाद नीतिगत फैसला किया जाएगा।बैठक में उद्योग विभाग के प्रधान सचिव वेणुगोपाल रेड्डी, एमआईडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. पी. अन्बलगन और उद्योग विकास आयुक्त डॉ. हर्षदीप कांबले समेत कई अफसर मौजूद थे।
बगैर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाले कार्डधारकों को भी मिले अनाज
शिवसेना सांसद विनायक राउत ने केंद्र सरकार से ऑफलाइन राशन कार्ड धारकों को अनाज उपलब्ध कराने की मांग की है। इस संबंध में सोमवार को राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखा है। राऊत ने कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति में ऑनलाइन पंजीयन राशन कार्ड धारकों को राशन दुकानों पररियायती दर और मुफ्त में अनाज दिया जा रहा है लेकिन ऑफलाइन राशन कार्ड धारकों को कोई मदद नहीं मिल पा रही है। राउत ने कहा कि साल 2018 में महाराष्ट्र समेत देश भर में करोड़ों राशन कार्डधारकों का ऑनलाइन पंजीयन नहीं हो पाया था। ये सभी राशन कार्डधारक ऑफलाइन की सूची में चले गए हैं। इस कारण इन राशन कार्डधारकों को राशन दुकानों पर कोई सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। कोरोना की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार को देश भर में करोड़ों ऑफलाइन राशन कार्ड धारकों को सहूलियत दर और मुफ्त में अनाज देने का फैसला करना चाहिए।
Created On :   13 April 2020 8:22 PM IST