पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने मिली परमिशन 

Permission to attend fathers funeral
पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने मिली परमिशन 
पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने मिली परमिशन 

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना के चलते राष्ट्रव्यापी बंद को देखते पुणे निवासी एक शख्स को सड़क के रास्ते असम जाने की अनुमति दी है। जिससे वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो सके। न्यायमूर्ति ए के मेनन ने यह अनुमति बिन्नी धोलानी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा था कि 5 अप्रैल 2020 को असम में उसके पिता का हार्टअटैक से निधन हो गया है। इसलिए उसे अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार्गो विमान (माल ढुलाई) में यात्रा की अनुमति दी जाए अथवा दूसरे साधन से यात्रा की अनुमति मिले। 

इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि कोरोना के प्रकोप की अवधि में याचिकाकर्ता अकेले ऐसे नहीं है जिनके पिता का निधन हुआ है। कई लोगों के परिजनों का निधन हुआ है।लेकिन किसी को भी इस अवधि में विमान यात्रा करने की इजाजत नहीं दी गई है। इसलिए याचिकाकर्ता को हवाईमार्ग से असम जाने की अनुमति दे पाना संभव नहीं है। कार्गो जहाज में याचिकाकर्ता को यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन याचिकाकर्ता यदि सड़क के रास्ते असम जाने के इच्छुक हो तो अनुमति दी जा सकती है। इन दलीलों को सुनने व याचिका पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने याचिकाकर्ता को सड़क के रास्ते असम जाने के लिए अनुमति के लिए आवेदन करने को कहा और श्री सिंह को इस बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचित करने को कहा। न्यायमूर्ति ने कहा कि अनुमति देने वाले इस बात का ध्यान रखें कि याचिकाकर्ता को कई इलाकों में बंद की गई सीमाओं को पार करना है। 
  
निजी अस्पतालों में आरक्षित हो कोरोना मरीजों के लिए 50 फीसदी बेड
निजी अस्पतालों के 50 प्रतिशत बेड कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए लिए उपलब्ध कराया जाए। ऐसा न करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सरकार कारर्वाई करे। इस तरह की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका पेशे से वकील मेहरवान फर्शीद ने दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कोरोना के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में भविष्य में अधिक स्वास्थ्य सेवाओं की जरुरत पड़ेगी। इसलिए अभी से मुंबई महानगर इलाके के अंतर्गत आनेवाले निजी अस्पतालों के 50 प्रतिशत बेड कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित रखा जाए।
 

Created On :   8 April 2020 5:38 PM IST

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