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दैनिक भास्कर हिंदी: जुनून: तस्वीरों में कैद की दास्तां ए मेट्रो , रोज 5 कि.मी घूमकर संजो रहे इतिहास

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर विकास की नई उड़ान भर रहा है। तमाम परेशानियों के बावजूद शहरवासी रोज अपने अंदाज से इस ‘विकास’ की पैमाइश कर रहे हैं, पर एक ऐसा भी शख्स है, जो इस विकास के हर आयाम को अपने कैमरे में कैद कर रहा है। कारण जानकर आप चौंक सकते हैं। शहर के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की आंखों-देखी जानकारी भावी पीढ़ी को देने के लिए वह ऐसा कर रहे हैं। मेट्रो के बढ़ते दर बढ़ते कार्यों को कैमरे में कैद कर धरोहर संजोने का इस शख्स का यह प्रयास है।
5 कि.मी घूमकर करते हैं सर्वे
हिंगना रोड निवासी रिटायर्ड वायुसेना अधिकारी पी.एन.वेलंकर प्रतिदिन सुबह 5 कि.मी. सैर पर जाते हैं। यह उनकी दिनचर्या में शामिल है। एक दिन उन्होंने देखा कि फुटपाथ की हालत सुधर रही है, बहुत दिनों से खराब स्ट्रीट लाइट्स भी सही होने लगी। इस बदलाव की सराहना करने के लिए उन्होंने कई ब्लॉग्स भी लिखे। धीरे-धीरे प्रतिदिन रास्तों पर कुछ न कुछ बदलाव नज़र आने लगा, यह देख उन्हें मेट्रो का प्रोजेक्ट अपना-सा लगने लगा। इसके बाद तो उन्होंने प्रतिदिन फोटो खींचना शुरू कर दिया-खास सोच के साथ। पिछले डेढ़ वर्ष से मेट्रो की तस्वीरों को, प्रोजेक्ट के तहत होने वाले परिवर्तनों को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर उससे जुड़ी भावनाओं को अभिव्यक्त कर रहे हैं।
एक-एक तस्वीर, 1000 शब्द कहती है : तस्वीर खींचने के पीछे श्री वेलंकर का एक मक़सद यह भी है कि आने वाली पीढ़ियां जब नागपुर मेट्रो का इतिहास पूछेंगी तो हम उन्हें दो बात बता कर शांत नहीं कर देंगे। हम उन्हें तस्वीरें दिखाएंगे और यही तस्वीरें दास्तां-ए-मेट्रो बयां करेंगी।
अब तक 200 तस्वीरें
उनके इस जुनून को देख भास्कर ने उनसे बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि मार्च 2017 में जब मेट्रो का काम शुरू हुआ, तभी से फोटो खींचना शुरू कर दिया था और अब तक 200 तस्वीरें खींच चुके हैं।
यादों को सहेज रहे
हैरत यह है कि उन्हें फोटोग्राफी में कोई खासी रूचि नहीं है, परंतु किसी दक्ष फोटोग्राफर की तरह वह अपने मकसद को पूरा करने में लगे हुए हैं। भावुक अंदाज में कहा-जिस तरह से मैंने अपने बच्चों का बचपन सहेज कर रखा है, ठीक उसी तरह से मेट्रो की यादों को भी सहेज रखा है।
पत्नी ने दिया प्रोत्साहन
जहां एक तरफ लोग उन्हें कहते थे कि क्या करेंगे इतनी सारी तस्वीरों का, वहीं दूसरी ओर उनकी पत्नी हमेशा उन्हें यह कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती रही हैं। क्योंकि इस जज़्बे के कारण ही वे अपनी सेहत का भी ख़्याल रख पाते हैं। श्री वेलंकर ने कहा-उन्हें यह काम करके अपार संतुष्टि मिलती है।
मकसद यह
आने वाली पीढ़ियां जब नागपुर मेट्रो का इतिहास पूछेंगी तो उन्हें दो बात बता कर शांत नहीं कर देंगे, हम उन्हें तस्वीरें दिखाएंगे, जो दास्तां-ए-मेट्रो बयां करेंगी।
ऐसे आया ख्याल
हर दिन शहर में हो रहे बदलाव को देख मेट्रो का प्रोजेक्ट अपना-सा लगने लगा। इसके बाद तो प्रतिदिन फोटो खींचना शुरू कर दिया-खास सोच के साथ।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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